
कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत में अनगिनत मंदिर हैं, जो गहरे आध्यात्मिक महत्व के केंद्र हैं, तथा अपार धन के संरक्षक भी हैं. इसमें अधिकांश मंदिर सदियों वर्ष पुराने हैं, जहां प्रतिवर्ष लाखों पर्यटक और श्रद्धालु आते हैं, सैकड़ों श्रद्धालु यहां नकदी, सोना, चांदी और कीमती धातु आदि दान करते हैं. समय के साथ, मंदिर-ट्रस्टों के पास मौजूद विशाल भूमि और नकदी ने उन्हें दस सबसे अमीर मंदिरों में स्थान दिलाया है.
ये मंदिर अनुयायियों की भक्ति और भारत के सांस्कृतिक, आर्थिक एवं सामाजिक ताने-बानों के साथ अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों के प्रबंधन से लेकर प्रतिदिन हज़ारों गरीबों को भोजन कराने एवं अन्य परोपकारी कार्य करते हैं. आइये जानें, देश के टॉप 10 मंदिरों एवं उनके अकूत भंडारों के बारे में. यह भी पढ़ें : National Doctors Day 2025 Quotes: ‘डॉक्टर का मिशन मृत्यु रोकना मात्र नहीं, जीवन की गुणवत्ता सुधारना है!’ ऐसे प्रेरक कोट्स भेजकर चिकित्सक को सम्मानित करें!
1- तिरुमाला तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर, आंध्र प्रदेश
तिरुमाला पहाड़ियों में स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर की कीमत लगभग 3 लाख करोड़ रुपए बताई जा रही है. प्रतिदिन करीब 50,000 श्रद्धालु यहां आते हैं. भक्त द्वारा चढ़ावा में आने वाले सोने और कीमती वस्तुओं के माध्यम से इस मंदिर की सलाना आय 1,400 करोड़ रुपये है.
2- पद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल
तिरुवनंतपुरम (केरल) के पूर्वी किले के भीतर स्थित श्री पद्मनाथ स्वामी मंदिर भगवान विष्णु का मंदिर है. अपने छिपे खजाने के लिए प्रसिद्ध, तिरुवनंतपुरम मंदिर की कुल कीमत करीब 1.2 लाख करोड़ रुपये बतायी जाती है, इसमें गुप्त भूमिगत कक्षों से प्राप्त सोने के आभूषण, पन्ने, हीरे और प्राचीन वस्तुएं शामिल हैं.
3- गुरुवायुर देवस्वोम, केरल
भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप को समर्पित करीब 5 हजार साल प्राचीन गुरुवायुर मंदिर में बैंक जमा में ₹1,737 करोड़, 271 एकड़ भूमि और सोने, चांदी और रत्नों का प्रभावशाली भंडार है, जो इसके विशाल आध्यात्मिक और भौतिक मूल्य को दर्शाता है. इसे दक्षिण का द्वारिकाधीश भी कहा जाता है.
4- वैष्णो देवी मंदिर, जम्मू
लगभग 5,200 फीट की ऊंचाई पर स्थित वैष्णों देवी मंदिर में दो दशकों में 1,800 किलोग्राम से अधिक सोना और 4,700 किलोग्राम चांदी चढ़ाए जाने के साथ-साथ ₹2,000 करोड़ से अधिक की नकदी चढ़ाई गई, जिसे इस मंदिर की आर्थिक स्थिति का प्रतीक कहा जा सकता है.
5- शिरडी साईं बाबा मंदिर, महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में स्थित शिरडी साईं बाबा मंदिर की कुल संपत्ति 1,800 करोड़ से ज्यादा की बताई जाती है, जिसमें 380 किलो सोने का भंडार भी शामिल है. इसके अलावा मंदिर के पास 2295 करोड़ रुपये के फिक्स डिपॉजिट भी है. मंदिर अस्पतालों का प्रबंधन और प्रतिदिन हजारों लोगों को मुफ्त भोजन प्रदान करता है,
6- स्वर्ण मंदिर, अमृतसर
सिख धर्म में अपनी स्वर्णिम वास्तुकला एवं आध्यात्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध, अमृतसर (पंजाब) स्थित स्वर्ण मंदिर की वार्षिक आय लगभग 500 करोड़ रूपये बताई जाती है. स्वर्ण मंदिर अपनी एकता, शांति और सामूहिक भक्ति का प्रतीक है. सिख धर्म के सबसे पवित्र इस मंदिर को दरबार साहिब के नाम से भी जाना जाता है.
7- मीनाक्षी मंदिर, मदुरै
मदुरै स्थित मीनाक्षी मंदिर देवी पार्वती और भगवान सुंदरेश्वर (शिव का एक रूप) को समर्पित है. अपनी द्रविड़ वास्तुकला के लिए दुनिया भर में मशहूर इस मंदिर में प्रतिदिन लगभग 20 हजार से अधिक श्रद्धालु यहां आते हैं. बताया जाता है कि धार्मिक आयोजनों, दान और मंदिर की अन्य गतिविधियों के माध्यम से सालाना आय लगभग 60 मिलियन (6 करोड़) है.
8- सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई
मुंबई (महाराष्ट्र) स्थित इस प्रतिष्ठित गणेश मंदिर में प्रतिदिन लगभग 30 लाख का चढ़ावा आता है. गणेश प्रतिमा को 4 किलो सोने से सजाया गया है. मंदिर का कुल मूल्य 125 करोड़ बताया जाता है.
9- सोमनाथ मंदिर, गुजरात
12 ज्योतिर्लिंगों मंदिरों की श्रृंखला में पहले सोमनाथ मंदिर के गर्भगृह में 130 किलोग्राम और शिखर पर 150 किलोग्राम सोना है, जो श्रद्धालु तीर्थयात्रियों और इतिहास के प्रति उत्साही लोगों को समान रूप से आकर्षित करता है. इस मंदिर की सालाना आय करीब 35.71 करोड़ रुपये बताया जाता है. यहां भगवान का दर्शन निशुल्क है, लेकिन लेकिन वीआईपी दर्शन के लिए प्रति व्यक्ति 500 रुपये शुल्क लगता है.
10- श्री जगन्नाथ मंदिर, ओडिशा
चार धाम यात्रा का एक भाग पुरी स्थित 11वीं शताब्दी पुराने इस मंदिर की कुल संपत्ति 150 करोड़ रुपए बताई जाती है. इस मंदिर के पास सर्वाधिक लगभग 30,000 एकड़ भूमि है, जो इसकी ऐतिहासिक और धार्मिक प्रमुखता को पुख्ता करती है.