हर वर्ष 15 जनवरी को दिल्ली में मनाया जाने वाला भारतीय सेना दिवस पिछले दो सालों से दिल्ली से बाहर आयोजित किया जा रहा है. गत वर्ष भारतीय सेना दिवस का 75वां सेलिब्रेशन बेंगलुरु में किया गया था, इस वर्ष 76 वां सेना दिवस लखनऊ (उत्तर प्रदेश) में भारतीय सेना दिवस मनाया जाएगा. इस अवसर पर थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे 11वीं गोरखा राइफल रेजिमेंटल सेंटर के परेड ग्राउंड में सेना दिवस परेड की समीक्षा करेंगे. साथ ही बहादुरी एवं बलिदान के व्यक्तिगत कार्यों के लिए वीरता पुरस्कार प्रदान करेंगे. इसके साथ-साथ सक्रिय परिचालन परिस्थितियों में उनके असाधारण प्रदर्शन के लिए चीफ इकाइयों को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ यूनिट प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया जाएगा.
इस वर्ष 15 जनवरी 2024 को 76वीं सेना दिवस परेड लखनऊ छावनी में 11 गोरखा राइफल्स रेजिमेंटल सेंटर में होनेवाली है. इस समारोह में सेना दिवस परेड में 6 टुकड़ियां शामिल होंगी. भारतीय सेना की मध्य कमान जिसे सूर्या कमांड के नाम से भी जाना जाता है, इस कार्यक्रम का आयोजन कर रही हैं. इस परेड में आयोजित प्रदर्शनी में गढ़वाल राइफल्स, जाट रेजिमेंट, बंगाल इंजीनियर्स, सिख लाइट इन्फेंट्री, आर्मी एयर डिफेंस और पैराट्रूपर्स जैसी प्रतिष्ठित रेजिमेंट के मार्चिंग दल शामिल होंगे. भारतीय वायु सेना फ्लाईपास्ट में हवाई संपत्ति का योगदान देगी,जो भारतीय सेना की मोटरसाइकिल टीम के रोमांचकारी प्रदर्शन से भरपूर होगी.
इस कार्यक्रम में वरिष्ठ नागरिकों एवं सैन्य गणमान्य व्यक्तियों के शामिल होने की उम्मीद है, जिसमें भारतीय सेना के वीरता पुरस्कार विजेताओं के लिए विशेष सम्मान आरक्षित हैं. साल 2020 में, कैप्टन तानिया शेरगिल भारतीय सेना दिवस परेड की कमान संभालने वाली पहली महिला अधिकारी बनी थी.
इस राष्ट्रीय महोत्सव के दौरान सूर्या स्पोर्ट कॉम्पलेक्स में भारतीय सैनिकों द्वारा ‘शौर्य संध्या’, का आयोजन किया जाएगा. इसके पश्चात मिलिट्री बैंड कंसर्ट, रक्त दान शिविर, भारतीय सेना के शौर्य का प्रदर्शन, वृक्षारोपण अभियान समेत तमाम तरह के सांस्कृतिक आयोजन किये जाएंगे.
क्यों मनाया जाता है सेना दिवस?
ज्ञात हो कि भारत को आजादी मिलने के बाद भी सेना की कमान ब्रिटिश सेना अधिकारी के अधिकार में रहता था. 15 जनवरी 1949 के पूर्व तक यह कमान ब्रिटिश कमांडर-इन-चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर संभाल रहे थे. 15 जनवरी 1949 को यह कमान फील्ड मार्शल कोडंडेरा एम करियप्पा ने सेना के पहले कमांडर की कमान संभाली. उस समय भारतीय सेना में करीब दो लाख सेना थे.
कौन थे केएम करियप्पा?
आजाद भारत के पहले सेना प्रमुख के एम करिअप्पा को प्यार से 'कीपर' कहा जाता था. जनरल करिअप्पा का जन्म 28 जनवरी 1900 में कर्नाटक में हुआ था. उन्होंने भारत पाकिस्तान युद्ध 1947 का नेतृत्व किया था. सेना से अवकाश प्राप्त करने के बाद 1986 में उन्हें फील्ड मार्शल का रैंक प्रदान किया गया. इसके अलावा दूसरे विश्व युद्ध में बर्मा में जापानियों को शिकस्त देने के लिए भी उन्हें ‘ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एंपायर’ का सम्मान भी मिला था.