Health: बरसात के साथ जीका वायरस ने किया भारत में प्रवेश! क्या जीका वायरस जानलेवा है? जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय!
Credit -Pixabay

प्रचण्ड गर्मी के बाद बरसात की फुहारों ने राहत पहुंचाई है. देश के अधिकांश हिस्सों में बरसात शुरू हो चुकी है, अथवा सप्ताह भर में शुरू होने के अनुमान हैं. लेकिन इस राहत के बीच मच्छरों ने महामारी फैलानी शुरू कर दी है, कहीं मलेरिया, कहीं डेंग्यू और कहीं जीका वायरस के प्रकोप की खबरें मिल रही हैं. प्राप्त खबरों के अनुसार पिछले दिनों जीका वायरस के कुछ रोगी पुणे (महाराष्ट्र) के अस्पताल में इलाज करवा रहे हैं. चूंकि यह संक्रमित बीमारी है, इसलिए मच्छरों वाली जगहों से खुद को सुरक्षित रखने की कोशिश करनी चाहिए. आइये जानते हैं जीका वायरस के बारे में विस्तार से..

क्या है जीका वायरस

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के वक्तव्यों के अनुसार जीका वायरस एक फ्लेविवाइरस है, जो विशेषकर एडीज एजिप्टि (Aedes aegypti) मच्छरों द्वारा काटने से फैलता है. ये मच्छर ज्यादातर दिन के समय सक्रिय रहते हैं. दुनिया में पहली बार यह वायरस 1947 में युगांडा के जीका जंगल में पाया गया था, वहां बंदरों में यह बीमारी देखी गई थी. इसलिए इसे जीका वायरस नाम दिया गया. युगांडा में ही मानव में जीका का पहला केस 1952 में नजर आया. 2015-2016 के मध्य ब्राजील में जीका वायरस के काफी मामले देखे गये. बताया जाता है कि इसी साल ब्राजील में लगभग 4 हजार बच्चे जीका वायरस के साथ पैदा हुए थे. जीका वायरस फैलाने वाले मच्छर ही डेंगू, चिकनगुनिया और अर्बन येलो फीवर रोग भी फैलाते हैं. यह भी पढ़ें : Vivah Muhurat 2024: 7 जुलाई से पुनः बजेंगे ढोल-शहनाई! जुलाई में शुभ-विवाह के मात्र 6 मुहूर्त! जानें कौन हैं सुखी वैवाहिक जीवन के मित्र-ग्रह?

क्या हैं इसके लक्षण

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अधिकारियों के अनुसार जीका वायरस के लक्षण 2 से 7 दिनों के भीतर दिखते हैं, वहीं ऐसा भी बताया जाता है कि सभी संक्रमित रोगों में इसके लक्षण दिखाई नहीं देते. जीका वायरस से होने वाले फीवर के मुख्य लक्षणों में निम्न शामिल हैं.

सामान्य बुखार

त्वचा पर लाल या गुलाबी दाने संभव है

सिरदर्द होना

हाथ और पैरों के जोड़ों में दर्द होना

आंखों में जलन, या लालिमा जिसे कंजंक्टिवाइटिस भी कहते हैं

मांसपेशियों में हल्का दर्द

बिना कोई काम किये थकान महसूस होना

ऐसा भी हो सकता है कि जीका वायरस के मरीज को कोई लक्षण ना भी दिखे.

जीका वायरस से बचने के उपाय

* कोशिश करें घर के भीतर अथवा आसपास मच्छर न पनपे.

* मच्छरदानी का इस्तेमाल करें.

* पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें.

* मच्छर निरोधक क्रीम अथवा मास्क्यूटो क्वॉयल का इस्तेमाल करें.

* सप्ताह में एक बार घर में मच्छर विरोध स्प्रे का इस्तेमाल करें.

* घर अथवा बगीचे में कहीं पानी न इकट्ठा होने दें, ना ही गमलों में ज्यादा पानी डालें.

* जिन क्षेत्रों अथवा शहर में जीका संक्रमित मरीज हों, वहां जाने से बचें.

* कचरे के डिब्बे को बंद करके रखें.

* गर्भवती महिलाएं नियमित जांच कराती रहें.

* घर के मुख्य दरवाजों, खिड़कियों आदि में जाली लगाएं, जिससे बाहर से मच्छर घर में न आये.

क्या जीका जानलेवा है?

जीका वायरस आमतौर पर जानलेवा नहीं होता, लेकिन इससे कुछ गंभीर समस्याएं पैदा हो सकती हैं. एडीस मच्छरों के काटने से जीका संक्रमित होता है. इसके लक्षण बहुत गंभीर नहीं होते.

हालांकि, जीका वायरस गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष रूप से चिंताजनक है, क्योंकि यह गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास को प्रभावित कर सकता है. जीका वायरस से माइक्रोसेफली नामक जन्म दोष हो सकता है, जिसमें बच्चे का सिर और मस्तिष्क असामान्य रूप से छोटे हो जाते हैं.