Antacid Esomeprazole Alert: एंटासिड एसोमेप्राज़ोल के साइड इफेक्स को लेकर चेतावनी, फार्मा बॉडी ने डॉक्टरो और मरीजों के लिए जारी किया अलर्ट
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

Antacid Esomeprazole Side Effects: फार्मा मानक निकाय इंडियन फार्माकोपिया कमिशन (Indian Pharmacopoeia Commission) यानी आईपीसी (IPC) ने एसिड-रिफ्लक्स दवा एसोमेप्राज़ोल के उपयोग के बारे में डॉक्टरों और रोगियों के लिए एक दवा सुरक्षा चेतावनी जारी की है, जिसमें स्वास्थ्य पेशेवरों और रोगियों को दवा के दुष्प्रभावों की बारीकी से निगरानी करने के लिए सचेत किया गया है. फार्माकोविजिलेंस प्रोग्राम ऑफ इंडिया (Pharmacovigilance Program of India) यानी पीवीपीआई (PvPI), जो प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं (Adverse Drug Reactions) यानी एडीआर (ADRs) और फार्मास्युटिकल उत्पादों से जुड़ी प्रतिकूल घटनाओं के बारे में जानकारी एकत्र और निगरानी करता है, उसने अपने 'प्रारंभिक विश्लेषण' में पाया है कि एसोमेप्राज़ोल (Esomeprazole) दवा हार्मोन प्रोलैक्टिन को उस स्तर तक बढ़ा देती है जिसे असामान्य माना जाता है.

News18 द्वारा देखे गए आईपीसी द्वारा जारी दवा सुरक्षा चेतावनी के अनुसार, एसोमेप्राज़ोल (Esomeprazole) को ‘संदिग्ध दवा’ के रूप में लेबल किया गया है, जो प्रतिकूल प्रतिक्रिया करके ‘हाइपरप्रोलैक्टिनीमिया’ (Hyperprolactinemia) का कारण बन सकता है. अधिसूचना में 'हाइपरप्रोलैक्टिनीमिया' की ओर इशारा करते हुए कहा गया कि पीवीपीआई डेटाबेस से प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं (एडीआर) के प्रारंभिक विश्लेषण से हैरान करने वाला खुलासा हुआ है.

हाइपरप्रोलैक्टिनीमिया एक ऐसी स्थिति है जहां किसी व्यक्ति के रक्त में प्रोलैक्टिन हार्मोन का स्तर सामान्य से अधिक होता है, जिसके चलते बांझपन, हड्डियों के नुकसान के कारण हड्डियों के फ्रैक्चर का खतरा, दृष्टि हानि, मुंहासे, शरीर और चेहरे पर अत्यधिक बालों का बढ़ना और कई अन्य दुष्प्रभावों के बीच मांसपेशियों में कमी जैसी जटिल समस्याएं हो सकती हैं. यह भी पढ़ें: Ayushman Bharat Scheme: झारखंड में आयुष्मान भारत योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा, 78 हॉस्पिटल सूची से हटाए गए, 250 को शो-कॉज नोटिस

सन फार्मा, टोरेंट, फाइजर, सिप्ला और ल्यूपिन सहित शीर्ष दवा निर्माताओं द्वारा निर्मित इस दवा का उपयोग गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग यानी जीईआरडी (Gastroesophageal Reflux Disease (GERD), ज़ोलिंगर-एलिसन सिंड्रोम (Zollinger-Ellison Syndrome) और पेप्टिक अल्सर रोग (Peptic Ulcer Disease) के उपचार में किया जाता है. एसोमेप्राज़ोल, जिसे प्रोटॉन पंप अवरोधक (पीपीआई) के रूप में वर्गीकृत किया गया है, पेट में एसिड उत्पादन को कम करके कार्य करता है, जिससे अतिरिक्त अम्लता से जुड़े अपच और दिल की जलन से राहत मिलती है.

27 सितंबर के आईपीसी अलर्ट में कहा गया है कि हेल्थ केयर पेशेवरों, रोगियों या उपभोक्ताओं को उपरोक्त संदिग्ध दवा के उपयोग से जुड़ी उपरोक्त प्रतिकूल दवा प्रतिक्रिया (एडीआर) की संभावना पर बारीकी से नजर रखने की सलाह दी जाती है. अगर ऐसी प्रतिक्रिया सामने आती है तो कृपया संदिग्ध प्रतिकूल दवा प्रतिक्रियाओं का रिपोर्टिंग फॉर्म भरकर एनसीसी-पीवीपीएल, आईपीसी को रिपोर्ट करें.

गौरतलब है कि डॉक्टर उन स्थितियों के इलाज के लिए एसोमेप्राज़ोल लिखते हैं, जहां पेट में बहुत अधिक एसिड होता है, जो एसिड रिफ्लक्स और अल्सर सहित समस्याओं का कारण बनता है. दिल्ली के धर्मशिला नारायण सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में मेडिकल गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. महेश गुप्ता ने कहा कि एसोमेप्राज़ोल और हाइपरप्रोलैक्टिनीमिया की संभावना के बारे में चेतावनी ‘दवा सुरक्षा में महत्वपूर्ण विकास’ है.