आयुर्वेदिक (Ayurveda) चिकित्सा पद्धति को सबसे प्राचीन और कारगर माना जाता है. आयुर्वेद में विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटियों और पेड़-पौधों (Trees and Plants) का इस्तेमाल करके बीमारियों का इलाज किया जाता है. कुदरत ने हमें कई ऐसे पेड़-पौधे (Miraculous Trees and Plants) दिए हैं जो सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं हैं. इन पेड़-पौधों (Medicinal Trees and Plants) का इस्तेमाल करके आयुर्वेद में कई बीमारियों का इलाज किया जाता है. आयुर्वेद की सबसे खास बात तो यह है कि इसका कोई साइड इफेक्ट (No Side Effects of Ayurveda) नहीं होता है. भले ही विज्ञान ने बहुत तरक्की कर ली है, लेकिन आज भी कई लोग एलोपैथिक चिकित्सा से निराश होकर आयुर्वेद पद्धति की ओर वापस लौट रहे हैं.
हमारे आस-पास कई ऐसे पेड़-पौधे मौजूद हैं जिनमें स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियों का समाधान मौजूद है, लेकिन बहुत कम लोगों को ही उनके औषधीय गुणों के बारे में पता है. चलिए हम आपको बताते हैं उन पेड़-पौधों के बारे में जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माने जाते हैं.
1- नीम
नीम भले ही स्वाद में कड़वा और कसैला होता है, लेकिन इसे सेहत के लिए बहुत गुणकारी माना जाता है. आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल पाचन संबंधी विकारों, बुखार, कफ, मूत्र विकार, डायबिटीज जैसी बीमारियों के इलाज में किया जाता है. इसके अलावा यह रक्त को शुद्ध करता है और खून संबंधी बीमारियों के इलाज में इसे फायदेमंद माना जाता है. यह भी पढ़ें: दिन ही नहीं रात में भी ऑक्सीजन देते हैं ये 5 पौधे, सेहत और पर्यावरण के लिए इन्हें माना जाता है लाभदायक
2- बरगद
नीम की तरह बरगद भी सेहत के लिए लाभदायक होता है. आयुर्वेद में इसे कफ-पित्त शमक औषधि माना गया है. ल्यूकोरिया, पीरियड में ज्यादा खून आना, चर्म रोग और जख्म भरने में इसकी पत्तियों से लेकर जटा तक हर चीज बेहद उपयोगी मानी जाती है.
3- पीपल
आयुर्वेद के अनुसार, पीपल का वृक्ष कई तरह के स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है. यह एक ऐसा वृक्ष है जो दिन और रात में ऑक्सीजन छोड़ता है. इसे कफ-पित्त शमक माना जाता है. रक्त से जुड़े विकारों को दूर करने के लिए पीपल की छाल का रस शहद में मिलाकर दिया जाता है. इसके फल का चूर्ण सांस संबंधी बीमारी में कारगर माना जाता है, इसके इस्तेमाल से अपच, उल्टी और दस्त की समस्या भी दूर होती है.
4- आंवला
आयुर्वेद में आवंले को रसायन औषधि माना जाता है जो पित्त का नाश करता है. आंवले का इस्तेमाल कई स्वास्थ्य समस्याओं में कारगर माना जाता है. विटामिन सी से भरपूर आंवले का इस्तेमाल आंख की बीमारियों, बालों का झड़ना, बालों का सफेद होना, भूख की कमी, कब्ज, अम्लपित्त, चर्म रोग, वीर्य संबंधी विकार और गर्भाशय की दुर्बलता जैसी समस्याओं में किया जाता है.
5- तुलसी
हिंदू धर्म में तुलसी को पूजनीय माना जाता है, लेकिन इसका इस्तेमाल आयुर्वेद में कई बीमारियों के इलाज में किया जाता है. सर्दी-जुकाम और खांसी से निजात दिलाने के लिए तुलसी की पत्तियां कारगर औषधि मानी जाती हैं. इसकी पत्तियों का रस कान के दर्द को दूर करने में मदद करता है. वीर्य और प्रजनन संबंधी समस्याओं में भी तुलसी के बीजों और पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है.
6- अशोक
अशोक के पेड़ की पत्तियों का इस्तेमाल आमतौर पर पूजा और दरवाजे पर तोरण लगाने के लिए किया जाता है, लेकिन इस पेड़ के औषधीय गुणों के बारे में कम लोगों को जानकारी है. आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल महिलाओं के पीरियड्स से जुड़ी परेशानी से निजात दिलाने के लिए किया जाता है. इससे पीरियड्स के दौरान होने वाला दर्द और पाइल्स की समस्या में फायदा होता है. यह भी पढ़ें: सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है तुलसी, जानिए इससे होनेवाले लाजवाब फायदे
7- सतावरी
आयुर्वेद में सतावरी को खासतौर पर महिलाओं की औषधि माना गया है. इसका इस्तेमाल प्राचीन काल से ही इंफर्टिलिटी के रोगों और प्रजनन प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए किया जाता रहा है. इसके साथ ही अगर कोई महिला अपने नवजात शिशु को स्तनपान कराने में सक्षम नहीं हो तो सतावरी की जड़ों का पावडर सुबह-शाम दूध के साथ लेने से फायदा होता है. सतावरी महिलाओं की सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है.
गौरतलब है कि इन पेड़-पौधों के अलावा अश्वगंधा और ब्राह्मी जैसे कई और आयुर्वेदिक पौधे हैं, जिनका इस्तेमाल आयुर्वेद में कई स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में किया जाता है. अश्वगंधा नर्वस सिस्टम, डिप्रेशन, याददाश्त की कमी, स्पर्म काउंट की कमी जैसी समस्याओं की कारगर औषधि मानी जाती है. जबकि ब्राह्मी को ब्रेन का टॉनिक कहा जाता है जो डिप्रेशन, तनाव, अनिद्रा और कमजोर याददाश्त में बहुत फायदा पहुंचाता है.