New Deadly Bat Virus: थाईलैंड में मनुष्यों में फैलने की क्षमता वाला नया घातक चमगादड़ वायरल पाया गया: रिपोर्ट
चमगादड़/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

New Deadly Bat Virus: थाईलैंड (Thailand) में जूनोटिक क्षमता (Zoonotic Potential) वाला एक नया घातक चमगादड़ वायरस (New Deadly Bat Virus) खोजा गया है. मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि मनुष्यों में फैलने की क्षमता वाला एक नया घातक चमगादड़ वायरस थाईलैंड में एक विवादास्पद शोध समूह द्वारा खोजा गया है जो पहले वुहान (Wuhan) में प्रयोगों से जुड़ा था. डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, न्यूयॉर्क स्थित गैर-लाभकारी इकोहेल्थ एलायंस के प्रमुख डॉ. पीटर दासज़क ने पहले कभी नहीं देखे गए वायरस की खोज की सूचना दी, जिसमें मनुष्यों को संक्रमित करने की क्षमता लगभग 'कोविड' (Covid) जितनी ही है. यह भी पढ़ें: COVID-19 Virus: कोरोना को लेकर चौकाने वाला रिपोर्ट, संक्रमण के बाद फेफड़ों में 2 साल तक रह सकता है वायरस

विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में चमगादड़ों पर अपने निष्कर्षों का वर्णन करते हुए पीटर दासज़क ने कहा कि हमें सार्स से संबंधित बहुत सारे कोरोना वायरस मिले, लेकिन विशेष रूप से एक जो हमने पाया वह चमगादड़ों में काफी आम था, जहां लोग आम तौर पर इसके संपर्क में आते थे.

उन्होंने कहा कि नया वायरस, जिसे अभी तक नाम नहीं दिया गया है, एक थाई गुफा में पाया गया था, जहां से स्थानीय किसान अपने खेतों में खाद डालने के लिए चमगादड़ों का मल लाते थे. खोजा गया नया खतरनाक चमगादड़ वायरस 'कोविड-19' के बेहद करीब है और इसमें मनुष्यों को संक्रमित करने की क्षमता लगभग वैसी ही है, जैसी कोरोना वायरस में होती है. यह वायरस चमगादड़ के मल में फैलता है, इसलिए इसके उभरने की वास्तविक संभावना है. यह भी पढ़ें: COVID-19 India: देश में कोविड के 605 नए मामले दर्ज, चार मौतें

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आपको बता दें कि यह निष्कर्ष तब आया है जब WHO ने वैश्विक स्तर पर कोरोनोवायरस में वृद्धि की सूचना दी है, जिसमें 50 देशों में अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में 42 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. मुख्य रूप से अत्यधिक संक्रामक जेएन.1 वैरिएंट के चलते अमेरिका में कई जगहों पर मास्क का उपयोग करना अनिवार्य कर दिया गया है.

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, जेएन.1 विश्व स्तर पर प्रमुख वैरिएंट बन रहा है, जिससे कुछ देशों में संक्रमण, अस्पताल में भर्ती होने के साथ-साथ इससे होने वाली मौतों में भी बढ़ोत्तरी देखी जा रही है. वहीं सीडीसी के अनुसार, मौजूदा टीके, परीक्षण और उपचार जेएन.1 के खिलाफ काम करते हैं.