श्वेत रक्त कोशिकाएं कोविड की गंभीरता को कैसे दर्शाती है?
व्हाइट ब्लड सेल्स (Photo Credits: Facebook)

लंदन, 24 सितम्बर: कोविड रोग की गंभीरता ग्रैन्यूलोसाइट्स नामक श्वेत रक्त कोशिकाओं की विशेषताओं से प्रभावित होती है, जो जन्मजात प्रतिरक्षा प्रणाली का हिस्सा हैं. स्वीडन में करोलिंस्का इंस्टिट्यूट के एक नए अध्ययन के अनुसार, रक्त में ग्रैन्यूलोसाइट्स और प्रसिद्ध बायोमार्कर के संयुक्त माप से रोग की गंभीरता का अनुमान लगाया जा सकता है. ग्रैन्यूलोसाइट्स श्वेत रक्त कोशिकाओं का एक परिवार है जिसमें न्यूट्रोफिल, ईोसिनोफिल और बेसोफिल शामिल हैं. यह भी पढ़े: Viral Fever In UP: फिरोजाबाद में 12 हजार से ज्यादा लोग वायरल फीवर की चपेट में

वे तथाकथित जन्मजात प्रतिरक्षा प्रणाली का हिस्सा हैं, जो रोगजनकों के खिलाफ शरीर की रक्षा की पहली पंक्ति है. सॉर्स कोव 2 प्रतिरक्षा प्रणाली के विभिन्न घटकों को कैसे प्रभावित करता है, इस पर कई अध्ययन हैं, लेकिन अभी भी कोविड -19 में ग्रैन्यूलोसाइट्स की भूमिका के बारे में जानकारी की कमी है. करोलिंस्का इंस्टिट्यूट के शोधकतार्ओं ने अब करोलिंस्का विश्वविद्यालय अस्पताल में कोविड -19 के साथ अस्पताल में भर्ती कुल 26 रोगियों में सॉर्स कोव 2 संक्रमण के प्रारंभिक चरण के दौरान रक्त में ग्रैन्यूलोसाइट्स की विशेषताओं की जांच की है. उन्होंने अस्पताल में छुट्टी के चार महीने बाद अनुवर्ती विश्लेषण भी किया और इनकी तुलना स्वस्थ असंक्रमित व्यक्तियों के विश्लेषण से की. पीएनएएस पत्रिका में प्रकाशित उनके परिणाम, अंतत: कोविड -19 रोगियों के लिए अधिक अनुरूप उपचार में योगदान दे सकते हैं.

करोलिंस्का इंस्टिट्यूट में मेडिसिन विभाग, हुडिंग में एक शोधकर्ता,प्रमुख लेखक मैग्डा लौर्डा ने कहा कि हमारा अध्ययन कोविड -19 ए रोगियों में सभी ग्रैनुलोसाइट सबसेट की महत्वपूर्ण रूप से परिवर्तित विशेषताओं को दशार्ता है और इसे बीमारी की गंभीरता से जोड़ा जा सकता है. ग्रैनुलोसाइट विशेषताओं के संयुक्त माप और रक्त में व्यापक रूप से उपयोग किए जाने वाले बायोमार्कर जिन्हें सी-रिएक्टिव प्रोटीन (सीआरपी) और क्रिएटिनिन कहा जाता है, जो श्वसन क्रिया और मल्टीऑर्गन विफलता जैसी प्रमुख नैदानिक विशेषताओं की भविष्यवाणी कर सकते हैं. लूर्डा कहा कि हमारे अध्ययन दल के सीमित आकार को देखते हुए खोज को सावधानी के साथ देखने की आवश्यकता है, लेकिन हमारी आशा है कि इन संयुक्त मापों का उपयोग रोग की गंभीरता का अनुमान लगाने के लिए किया जा सकता है, जिसके परिणामस्वरूप कोविड -19 रोगियों के लिए अधिक अनुरूप उपचार किया जा सकता है.