Fight Against Coronavirus: कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के प्रकोप से पूरी दुनिया में हाहाकार मचा हुआ है. नोवेल कोरोना वायरस (Novel Coronavirus) की चपेट में आने वालों की तादात में तेजी से इजाफा हो रहा है. भारत में भी कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन (Lockdown) का दूसरा चरण जारी है, बावजूद इसके संक्रमण के नए मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी देखी जा रही है. बुधवार को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) द्वारा जारी लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, देश में कोराना वायरस संक्रमित मरीजों की तादात बढ़कर 19,984 हो गई है, जबकि अब तक इस घातक वायरस की चपेट में आकर 640 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं.
कोरोना वायरस के खिलाफ जारी भारत की इस जंग के बीच सोशल मीडिया पर HCQ को लेकर कई तरह से सवाल पूछे जा रहे हैं जैसे- HCQ क्या है? यह कोविड-19 से बचाव में कितना प्रभावशाली है? बता दें कि एचसीक्यू का मतलब है हाइड्रोक्सिक्लोरोक्विन (Hydroxychloroquine), जो मलेरिया की दवा है और कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत से इस दवा की मांग की थी. चलिए जानते हैं HCQ को लेकर आखिर किस तरह के सवाल किए जा रहे हैं और उनके सही जवाब क्या हैं.
1- HCQ क्या है?
एचसीक्यू (HCQ) का मतलब है हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन, जो आमतौर पर मलेरिया के इलाज में दी जाती है.
2- क्या यह दवा कोविड-19 के लिए प्रभावशाली है?
अभी तक कोविड-19 के लिए कोई ऐसी विशिष्ट दवा सामने नहीं आई है. हालांकि केवल प्री-क्लिनिकल प्रयोगशाला के अध्ययन के अनुसार एचसीक्यू को कोरोना से बचाव के लिए प्रभावी माना गया है, लेकिन केवल असाधारण परिस्थियों को देखते हुए और जब कोई दूसरा विकल्प न दिखे तब इसे कोरोना मरीज से बचाव के लिए देने की सलाह दी जाती है.
3- क्या हमारे देश में HCQ पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है?
हां, वर्तमान में हमारे देश में एचसीक्यू की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है और भविष्य में भी यह स्थिति बनी रहेगी.
4- यह दवा किसे देने की सलाह दी जाती है?
कोविड-19 के लिए कार्य कर रही राष्ट्रीय टास्क फोर्स एचसीक्यू को सिर्फ उन लोगों के लिए इस्तेमाल करने का सुझाव देती है जो अत्यधिक जोखिम में काम कर रहे हैं. जैसे- स्वास्थ्यकर्मी, जो कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे हों. इसके अलावा वह व्यक्ति जो कोरोना से संक्रमित/ संदिग्ध व्यक्ति के साथ घर पर रहकर उसकी देखभाल कर रहा हो.
5- यह दवा किन लोगों को नहीं देनी चाहिए?
- वह बच्चे जो 15 साल की आयु से कम हों
- जो रेटिनोपैथी से पीड़ित हों या जिनको एचसीक्यू में मौजूद तत्व अमीनो-क्यूनोलीन से अत्यधिक संवेदनशीलता हो.
- यह उन व्यक्तियों के लिए हानिकारक हो सकती है जो हृदय रोग से पीड़ित हों. यह भी पढ़ें: कोरोना वायरस से जंग: देश में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा की कोई कमी नहीं, जरुरत से तीन गुना अधिक मौजूद
देखें ट्वीट
📍#HCQ पर सामान्य प्रश्न
➡️HCQ क्या है❓
➡️ क्या यह दवा कोविड-19 के लिए प्रभावशाली है ❓
➡️ क्या हमारे देश में HCQ पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है❓
➡️ यह दवा किसे देने की सलाह दी जाती है ❓
➡️ यह दवा किन लोगों को नहीं देनी चाहिए ❓#StayAtHomeSaveLives pic.twitter.com/Dmxkrg4hxt
— #IndiaFightsCorona (@COVIDNewsByMIB) April 22, 2020
ध्यान रखें
- दवा के कुछ साइड इफेक्ट्स संभव हैं, इसलिए यह केवल एक पंजीकृति (रजिस्टर्ड) चिकित्सा व्यवसायी द्वारा ही बेची जा सकती है.
- इस दवा को लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श लेने की सलाह दी जाती है.
- कीमो-प्रोफिलेक्सिस के तहत स्वास्थ्यकर्मियों और घर पर कोरोना मरीजों की देखभाल कर रहे लोगों को इस दवा से स्वयं को पूरी तरह सुरक्षित नहीं समझना चाहिए और सभी निर्धारित स्वास्थ्य उपायों का पालन करना चाहिए.
- अगर इस दवा को लेने के दौरान किसी भी व्यक्ति को कोरोना के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे तुरंत निर्धारित दिशा निर्देशों के तहत अपनी जांच करानी चाहिए.
- स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा एचसीक्यू पर जारी किए गए दिशा निर्देश भी पढ़ें. यह भी पढ़ें: डोनाल्ड ट्रंप ने मारी पलटी, हाइड्रोक्सिक्लोरोक्वीन पर भारत के रुख को सराहा- कल दी थी चेतावनी
गौरतलब है कि हाइड्रोक्सिक्लोरोक्विन मलेरिया की दवा है, लेकिन इसका इस्तेमाल रुमेटॉइड आर्थराइटिस और ल्यूपस जैसे ऑटोइम्यून रोगों के इलाज के लिए भी किया जाता है. हाल ही में एक अध्ययन में पाया गया था कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन कोरोना वायरस को कोशिकाओं पर हमले से रोकने में मदद करता है. हालांकि इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन (एचसीक्यू) कोविड-19 के इलाज में कारगर है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसे कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग में गेम चेंजर बताते हुए भारत से इसकी मांग की थी.