वाशिंगटन: मलेरिया (Malaria) की दवा हाइड्रोक्सिक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) के अमेरिका (US) निर्यात को लेकर मचे विवाद के बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने भारत की तारीफ की है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने आज अपना रुख बदलते हुए हाइड्रोक्सिक्लोरोक्वीन को लेकर मोदी सरकार का समर्थन किया. साथ ही ट्रंप ने कोविड-19 (Coronavirus) महामारी से निपटने के लिए उठाए गए कदमों की प्रशंसा की. अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक दिन पहले ही हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन देने को लेकर भारत से 'प्रतिशोध' की बात कही थी.
अमेरिका के फॉक्स न्यूज (Fox News) को दिए एक इंटरव्यू में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हाइड्रोक्सिक्लोरोक्वीन की 29 मिलियन से अधिक खुराक खरीदी गई है. इसके लिए भारतीय प्रधानमंत्री मोदी से बात की गई. वह वास्तव में बहुत अच्छे है. उन्होंने भारत के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन को रोका. लेकिन इससे काफी अच्छी चीजें सामने आई है. डोनाल्ड ट्रंप के अनुरोध के बाद माना भारत, कोरोना वायरस से लड़ने में मददगार दवा देने के लिए तैयार
दरअसल ट्रंप मोदी सरकार द्वारा अमेरिका को हाइड्रोक्सिक्लोरोक्वीन निर्यात नहीं किए जाने से नाराज थे. ट्रंप ने कहा था कि अगर भारत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन नाम की दवा की आपूर्ति नहीं करेगा तो अमेरिका बदले की कार्रवाई कर सकता है. उन्होंने एक ब्रीफिंग के दौरान व्हाइट हाउस में कहा कि भारत, अमेरिका के साथ अच्छा कर रहा है और मुझे ऐसा कोई कारण नहीं दिखता कि भारत अमेरिका के दवा के ऑर्डर पर रोक जारी रखेगा. यह दवा कोरोना वायरस के इलाज में उपयोगी मानी जा रही है. कोरोना वायरस के चलते तालिबान का नया फरमान, नमाजें घरों में पढ़ने को कहा
उन्होंने कहा, मैंने रविवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की थी और मैंने कहा था कि अगर आप हाइड्रोक्सिक्लोरोक्वीन की आपूर्ति को मंजूरी देते हैं तो हम आपके इस कदम की सराहना करेंगे. यदि वह दवा की आपूर्ति की अनुमति नहीं देते हैं तो भी ठीक है, लेकिन हां, वे हमसे भी इसी तरह की प्रतिक्रिया की उम्मीद रखें.
हालांकि भारत ने स्पष्ट कहा है कि यह 'जीवन रक्षक' दवा हाइड्रोक्सिक्लोरोक्वीन पहले देश को उपलब्ध कराई जाएगी. उसके बाद कोरोना का प्रकोप झेल रहे देशों के साथ ही भारत पर इसके लिए निर्भर पड़ोसी देशों को दिया जाएगा. मंगलवार को ही केंद्र सरकार ने इस दवा के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटाया.