Ganesh Chaturthi 2019: इस गणेश चतुर्थी पर बन रहे हैं दो शुभ योग, जानें गणपति स्थापना का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
गणेश चतुर्थी 2019 (Photo Credits: Instagram)

Ganesh Chaturthi 2019: इस साल गणेश चतुर्थी सितंबर महीने की 2 तारीख यानी सोमवार को मनाई जाएगी. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान गणेश का जन्म हुआ था. भारत के कोने कोने में पूरे दस दिन गणेशोत्सव को धूम- धाम से मनाया जाता है. इस त्यौहार की सबसे ज्यादा धूम मुंबई महाराष्ट्र में देखी जाती है. 9 दिन तक तक भगवान गणेश की स्थापना की जाती हौर दसवें दिन बैंड बाजा और धूम धाम के साथ उनका विसर्जन किया जाता है. मुंबई में गणेशोत्सव बहुत ही खास तरीके से मनाया जाता है, बड़ी बड़ी मूर्तियां, झांकियां लोगों के आकर्षण का केंद्र रहती हैं. इसलिए गणेशोत्सव के दौरान लोग दूसरे राज्यों से बाप्पा के दर्शन करने मुंबई आते हैं. महाराष्ट्र में गली-गली नुक्कड़-नुक्कड़ गणेश जी की मूर्ति स्थापना की जाती है.

इस साल का गणेशोत्सव बहुत ख़ास है, क्योंकि गणेश चतुर्थी के दिन कई शुभ संयोग बन रहे हैं. ग्रह-नक्षत्रों की शुभ स्थिति से शुक्ल और रवियोग बन रहा है. इतना ही नहीं सिंह राशि में चतुर्ग्रही योग भी बन रहा है. यानी सिंह राशि में सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र एक साथ हैं. ग्रहों और सितारों की इस शुभ स्थिति के कारण इस त्योहार का महत्व और शुभत्ता और अधिक बढ़ जाएगी. ग्रह-नक्षत्रों के इस शुभ संयोग में गणेश जी की स्थापना करने से घर में सुख-समृद्धि और शांति मिलेगी. 2 सितंबर की यानी सोमवार की शुरुआत हस्त नक्षत्र में होगी और गणेश जी की स्थापना चित्रा नक्षत्र में की जाएगी. मंगल के इस नक्षत्र में चंद्रमा होने से शुभ फल की प्राप्ति होती है. चित्रा नक्षत्र और चतुर्थी तिथि का संयोग 2 सितंबर को सुबह लगभग 8 बजे से शुरू होकर पूरे दिन रहने वाला है.

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भगवान श्री गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त:

प्रात: 6 बजे से 7: 30 बजे तक अमृत योग

सुबह 9 बजे से 10: 30 बजे तक शुभ योग

दोपहर 1: 30 बजे से 3 बजे तक चल योग

दोपहर 3 बजे से 4: 30 बजे तक लाभ योग

शाम 4: 30 बजे से लेकर 6 बजे तक अमृत योग

शाम 6 बजे से 7: 30 बजे तक चल योग

पूजा विधि:

गणेश चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठे, उठने के बाद नित्य क्रियाओं से मुक्त होके स्नान कर लें. उसके बाद साफ वस्त्र धारण करें. एक बात का ध्यान दे कि इस दिन मिट्टी से बनी भगवान श्री गणेश की प्रतिमा ही स्थापित करे. उनका पूजन षोडशोपचार से करे. पूजन के पश्चात नीची यानि जमीन को ओर देखते हुए चंद्रमा को अर्घ्य देकर उनका दर्शन करें. भगवान श्री गणेश की पूजा में चतुर्थी के दिन गणपती को 21 लड्डुओं का भोग लगाए और फिर इन्हीं लड्डुओं को प्रसाद स्वरूप सभी में वितरित करें.

ऐसा कहा जाता है कि इस शुभ मुहूर्त में अगर भक्त सच्चे मन से भगवान स एजो भी मांगते हैं उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.