World Environment Day 2023 Messages in Hindi: जंगलों की अंधाधुंध कटाई और लगातार बढ़ते प्रदूषण (Pollution) के कारण प्रकृति (Nature) व पर्यावरण (Environment) को तेजी से नुकसान पहुंच रहा है. ऐसे में प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण (Environment Protection) के प्रति लोगों को जागरुक करने के उद्देश्य से हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाया जाता है. दरअसल, जनजीवन की सुरक्षा के लिए पर्यावरण को सुरक्षित और संरक्षित रखना आवश्यक है, क्योंकि आधुनिकता के इस दौर में पूरे विश्व में विकास की राह पर तेजी से बढ़ने के लिए कई ऐसी चीजों का उपयोग किया जा रहा है, जो प्रकृति और पर्यावरण के लिए बेहद घातक हैं. इंसान और पर्यावरण के बीच बहुत गहरा संबंध हैं, क्योंकि सुरक्षित पर्यावरण के बिना जीवन संभव नहीं है, बावजूद इसके लोग इसे नुकसान पहुंचा रहे हैं, जिससे जनजीवन प्रभावित होने के साथ-साथ प्राकृतिक आपदाओं का जोखिम भी बढ़ रहा है.
सुखी और स्वस्थ जीवन के लिए प्रकृति की सुरक्षा और पर्यावरण का संरक्षण बेहद आवश्यक है, इसी के प्रति जनजागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. ऐसे में आप इन हिंदी मैसेजेस, स्लोगन, वॉट्सऐप विशेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स और फोटो एसएमएस के जरिए विश्व पर्यावरण दिवस की बधाई देने के साथ-साथ लोगों को जागरूक भी कर सकते हैं.
1- पेड़-पौधों को जो इस तरह करोगे नष्ट,
ऑक्सीजन कम मिलेगा और सांस लेने में होगा कष्ट.
विश्व पर्यावरण दिवस की बधाई
2- चारों तरफ हो हरियाली ही हरियाली,
पर्यावरण संरक्षण से आए जीवन में खुशहाली.
विश्व पर्यावरण दिवस की बधाई
3- पर्यावरण की रक्षा में दीजिए योगदान,
इससे हमारा देश बनेगा महान.
विश्व पर्यावरण दिवस की बधाई
4- पेड़-पौधों में रहते है भगवान,
पर्यावरण संरक्षण में करें योगदान.
विश्व पर्यावरण दिवस की बधाई
5- पेड़-पौधे हैं लाभकारी,
पर्यावरण के लिए हैं हितकारी.
विश्व पर्यावरण दिवस की बधाई
विश्व पर्यावरण दिवस पर दुनिया के सभी देश अलग-अलग तरीके से पर्यावरण के प्रति जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन करते हैं. संयुक्त राष्ट्र ने 5 जून 1972 को पर्यावरण दिवस मनाने की घोषणा की थी, तब से हर साल इस दिन को मनाया जाने लगा. हालांकि सबसे पहला पर्यावरण दिवस स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में मनाया गया था. साल 1972 में स्टॉकहोम में आयोजित पर्यावरण सम्मेलन में दुनिया भर के करीब 119 देश शामिल हुए थे.