Vijaya Ekadashi 2022 Wishes: विजया एकादशी पर इन हिंदी WhatsApp Messages, Facebook Greetings, GIF Images के जरिए दें शुभकामनाएं
विजया एकादशी 2022 (Photo Credits: File Image)

Happy Vijaya Ekadashi 2022 Wishes in Hindi: फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी (Vijaya Ekadashi)  के नाम से जाना जाता है और अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, आज यानी 27 फरवरी 2022 को विजया एकादशी का पर्व मनाया जा रहा है. प्रचलित मान्यताओं के मुताबिक, विजया एकदशी के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) की पूजा-अर्चना करने से सभी कार्यों में सफलता और शत्रुओं पर विजय की प्राप्ति होती है. कहा जाता है कि शत्रुओं पर विजय दिलाने वाली विजया एकादशी के व्रत को स्वंय प्रभु श्रीराम (Bhagwan Ram) ने लंकापति रावण (Ravan) से युद्ध करने से पहले किया था. विजया एकादशी का व्रत रखकर श्रीराम मे भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा की थी और इसके बाद ही उन्होंने लंकापति रावण का संहार कर उस पर विजय प्राप्त की थी.

हर महीने के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथियों में फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की विजया एकादशी शत्रुओं पर विजय दिलाने वाली मानी जाती है, इसलिए श्रीहरि के भक्त इस व्रत को पूरे भक्तिभाव के साथ करते हैं और भक्तिमय संदेशों का आदान-प्रदान भी करते हैं. ऐसे में आप भी इन भक्तिमय हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स, जीआईएफ इमेजेस को भेजकर विजया एकादशी की शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1-ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:

शुभ विजया एकादशी

विजया एकादशी 2022 (Photo Credits: File Image)

2- ॐ नमो नारायण नम:

विजया एकादशी हार्दिक बधाई

विजया एकादशी 2022 (Photo Credits: File Image)

3ॐ श्री विष्णवे नम:

विजया एकादशी की शुभकामनाएं

विजया एकादशी 2022 (Photo Credits: File Image)

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4- ताल बजेमुदंग बजे,

और बजे हरी की वीणा,

जय रामजय राम,

जय श्री कृष्ण हरी.

हैप्पी विजया एकादशी

विजया एकादशी 2022 (Photo Credits: File Image)

5- विष्णु जिनका नाम है,

बैकुंठ जिनका धाम है,

जगत के उस पालनहार को,

हमारा शत-शत प्रणाम है.

विजया एकादशी की बधाई

विजया एकादशी 2022 (Photo Credits: File Image)

विजया एकादशी के दिन भगवान विष्णु का विधिवत पूजन करना चाहिए. पूजा के दौरान श्रीहरि को पीले फूल, अक्षत, चंदन, रोली, मौसमी फल, मिठाई, पंचामृत, पान, सुपारी, हल्दी धूप-दीप इत्यादि अर्पित करना चाहिए. उनके पूजन में तुलसी दल का उपयोग अवश्य करें, क्योंकि तुलसी भगवान विष्णु को अतिप्रिय है. इस दिन रात्रि जागरण करना चाहिए, भगवत गीता का पाठ, विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ और 'ओम् नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जप करना चाहिए. इस व्रत के प्रभाव से भक्तों के सभी पापों का नाश होता है और श्रीहरि की कृपा से उन्हें सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है.