Vijay Diwas 2022 Wishes in Hindi: भारत के इतिहास में 16 दिसंबर वो ऐतिहासिक तारीख है, जब 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध (India-Pakistan War) में भारतीय सैनिकों द्वारा विजय की वीरगाथा लिखी गई थी, इसलिए हर साल 16 दिसंबर को विजय दिवस (Vijay Diwas) मनाया जाता है. यह वो दिन है, जब भारतीय सैनिकों ने अपनी वीरता और साहस से पाकिस्तान के 93 हजार सैनिकों को घुटनों पर ला दिया था और पाकिस्तान (Pakistan) के दो टुकड़े कर बांग्लादेश (Bangladesh) को बनाने में अहम भूमिका निभाई थी. इस युद्ध में सबसे बड़ा मोड़ तब आया था, जब 14 दिसंबर को भारतीय वायु सेना ने हमला करके ढाका में पाकिस्तान के गवर्नर के घर पर तबाह कर दिया था, जिसके बाद गवर्नर ने सभी प्रमुख अधिकारियों के साथ अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. इस युद्ध से पाकिस्तान बुरी तरह से हिल गया और जनरल नियाजी ने युद्ध विराम का प्रस्ताव भेजा.
भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 के इस युद्ध में पाक को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था और भारत ने ऐतिहासित विजय हासिल की थी, इसलिए हर साल 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस खास अवसर पर आप इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स के जरिए विजय दिवस की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- मैं मुल्क की हिफाजत करूंगा,
ये मुल्क मेरी जान है,
इसकी रक्षा के लिए,
मेरा दिल और जान कुर्बान है.
विजय दिवस की शुभकामनाएं
2- मेरे शरीर से आती है वतन की मिट्टी की खुशबू,
दुश्मनों को चटाता हूं धूल,
आसमान को भी भर लूं मुट्ठी में,
मैं रेगिस्तान में भी खिला दूं फूल,
विजय दिवस की शुभकामनाएं
3- लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है,
उछल रहा है जमाने में नाम-ए-आजादी.
विजय दिवस की शुभकामनाएं
4- जो देश के लिए शहीद हुए,
उनको मेरा सलाम है,
अपने खून से जिसने जमीं को सींचा,
उन बहादुरों को सलाम है.
विजय दिवस की शुभकामनाएं
5- खुशनसीब हैं वो जो वतन पर मिट जाते हैं,
मर कर भी वो लोग अमर हो जाते हैं,
करता हूं उन्हें सलाम ऐ वतन पर मिटने वालों,
तुम्हारी हर सांस में तिरंगे का नसीब बसता है.
विजय दिवस की शुभकामनाएं
इस युद्ध के 13वें दिन यानी 16 दिसंबर को भारतीय सेना के जनरल जैकब को सेना प्रमुख मानेकशॉ का संदेश मिला कि वे तुरंत ढाका पहुंचकर पाकिस्तानी सेना के आत्मसमर्पण की तैयारी करें. इसके बाद पाकिस्तानी सेना के करीब 93,000 जवानों ने आत्मसमर्पण किया था. बताया जाता है कि इस युद्ध में करीब 3,900 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे, जबकि 9,851 घायल हुए थे. उधर पाकिस्तान के कई हजार सैनिकों ने इस युद्ध में अपनी जान गंवाई थी.