Ugadi 2024 Wishes in Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से जहां देशभर में मां दुर्गा (Maa Durga) की उपासना के नौ दिवसीय पावन पर्व चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) की शुरुआत होती है तो वहीं इस शुभ तिथि पर देश के विभिन्न हिस्सों में हिंदू नव वर्ष का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. महाराष्ट्र में जहां हिंदू नव वर्ष को गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) के तौर पर मनाया जाता है तो वहीं दक्षिण भारतीय राज्यों तेलंगना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में इसे उगादि (Ugadi) के नाम से मनाया जाता है, जिसे तेलुगु नव नर्ष (Telugu New Year) के तौर पर जाना जाता है. इस साल 9 अप्रैल 2024 को इन राज्यों में उगादि यानी नए साल का जश्न मनाया जा रहा है. उगादि संस्कृत के शब्द युग और आदि से आया है, जिसका मतलब है एक नए युग की शुरुआत. उगादि यानी तेलुगु नव वर्ष के दिन दक्षिण भारत के इन राज्यों में रहने वाले लोग व्यापार, गृह प्रवेश जैसे नए कार्यों का शुभारंभ करते हैं, क्योंकि इस तिथि को बेहद शुभ माना जाता है.
कहा जाता है कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन ही सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी, इसलिए इस दिन उनकी पूजा की जाती है. उगादि के त्योहार को दक्षिण भारत के लोग अपनी स्थानीय परंपराओं के हिसाब से विधिपूर्वक मनाते हैं. इस अवसर पर शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान किया जाता है. ऐसे में आप भी इन शानदार हिंदी विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स को भेजकर प्रियजनों को उगादि की शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- छोटों को करो प्यार,
बड़ों को दो सम्मान,
यह संकल्प लेकर,
मनाओ उगादी का त्योहार.
हैप्पी उगादि
2- शुभ हो नया साल आपका,
ऊंची उड़ान भरे हर पल आपका,
जैसे आसमान में उड़ती पतंग,
वैसे ही उगादी पर्व की सजे हर एक तरंग.
हैप्पी उगादि
3- पेड़ों पर सजती है नए पत्तों की बहार,
हरियाली से महकता प्रकृति का व्यवहार,
ऐसा लगता है उगादी का त्योहार,
मौसम भी करता नव वर्ष का सत्कार.
हैप्पी उगादि
4- पेड़ों पर सजता रहे पत्तियों का श्रृंगार,
स्वादिष्ट व्यंजनों की बनी रहे बहार,
मीठे वचनों से करें एक-दूसरे का दीदार,
चलो मनाएं उगादी का ये त्योहार.
हैप्पी उगादि
5- खुशियां आएं, सुख-समृद्धि लाए,
घर आपके भगवान आएं,
करके कृपा आप पर अपनी,
हसरतें सारी आपकी करें पूरी.
हैप्पी उगादि
गौरतलब है कि इस दिन लोग सुबह जल्दी उठकर अपने शरीर पर उबटन और तिल का तेल लगाकर स्नान करते हैं, फिर नए वस्त्र पहनकर मंदिर जाते हैं. हाथ में गंध, अक्षत, चमेली के फूल और जल लेकर भगवान ब्रह्मा के मंत्रों का उच्चारण करते हुए उनकी पूजा की जाती है. उगादि पर पच्चड़ी नाम के एक खास पेय पदार्थ को बनाने की परंपरा निभाई जाती है, जिसे इमली, आम, नारियल, नीम के फूल और गुड़ इत्यादि से बनाया जाता है. इस दिन घरों की साफ-सफाई कर लोग अपने घर के मुख्य द्वार पर रंगोली बनाते हैं और इस पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं.