तुलसी भारत में एक पवित्र पौधा है, जिसकी पूजा अर्चना की जाती है. अधिकांश घरों में विशेष रूप से ग्रामीण ग्रामीण जगहों पर आंगन में यह पवित्र पौधा होता है. और लगभग हर दिन तुलसी की पूजा की जाती है और शाम को उनके सामने दीया जलाया जाता है. इससे घर में सुख समृद्धि और शान्ति आती है. कार्तिक की एकादशी तिथि, शुक्ल पक्ष तुलसी से जुड़ा सबसे महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि इस दिन उनका विवाह भगवान विष्णु के शालिग्राम रूप से होता है. कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि (ग्यारहवें दिन) पर तुलसी विवाह होता है. इस वर्ष वैष्णव संप्रदाय के अनुसार ग्रेगोरियन तिथि 26 नवंबर के दिन तुलसी विवाह मनाया जाएगा. हालांकि, जो लोग 25 नवंबर को देव उठनी एकादशी या प्रबोधिनी एकादशी व्रत (देवोत्थान एकादशी व्रत) रखते हैं वे उसी दिन तुलसी विवाह मनाएंगे.
देव उठनी एकादशी या तुलसी विवाह के दिन के साथ भारत में शादियों का मौसम शुरू हो जाता है. आमतौर पर शादियों और अन्य शुभ समारोहों जैसे कि मुंडन, गृहप्रवेश आदि चातुर्मास अवधि के दौरान नहीं होते हैं जिनमें श्रावण, भाद्रपद, अश्विन और कृतिका महीने शामिल हैं. इस एकादशी तिथि के साथ, चातुर्मास की अवधि समाप्त हो जाती है, और समारोहों का मौसम शुरू हो जाता है. ऐसा कहा जाता है कि भगवान विष्णु,चार महीने तक क्षीरसागर में योग निद्रा में रहते हैं और देव उठनी एकादशी के दिन जागते हैं. उनके जागने के बाद उनके शालिग्राम अवतार की तुलसी से विवाह कराया जाता है.इस दिन लोग अपने प्रियजनों को देवउठनी एकादशी की शुभकामनाएं देते हैं. अगर आप भी अपने प्रियजनों को देवउठनी एकादशी की शुभकामनाएं देना चाहते हिं तो नीचे दिए गए मैसेजेस भेजकर दे सकते हैं.
1. तुलसी विवाह की शुभकामनाएं!
2. तुलसी विवाह की बधाई!
3.आपके और आपके परिवार को
तुलसी विवाह की शुभकामनाएं!
4. तुलसी विवाह की हार्दिक शुभकामनाएं!
5. हैप्पी तुलसी विवाह!
तुलसी विवाह के दिन तुलसी के पौधे और शालिग्राम को दुल्हन और एक दूल्हे की तरह सजाया जाता है. और एक भारतीय शादी की सभी रस्में निभाई जाती हैं. हमारी ओर से आपको और आपके परिवार को तुलसी विवाह की शुभकामनाएं!