Supreme Court: चाहे महिला अविवाहि हो या फिर विवाहित, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने देश की सभी महिलाओं को गर्भपात (Abortion) का अधिकार दे दिया है. अपने ऐतिहासिक फैसले में सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ फ्रेग्नेंसी एक्टर के तहत 24 सप्ताह के भीतर महिला को गर्भपात का अधिकार है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले के निष्कर्ष में यह भी बताया गया है कि डॉक्टरों को गर्भपात की मां करने वाली नाबालिगों की पहचान का खुलासा करने की आवश्यकता नहीं है.

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