शीतला अष्टमी (Sheetala Ashtami) को 'बसोड़ा पूजा' (Basoda Puja) के रूप में भी जाना जाता है. यह देवी शीतला को समर्पित एक हिंदू त्योहार है जो कृष्ण पक्ष के आठवें दिन मनाया जाता है, जो 'चैत्र' महीने के दौरान चंद्रमा के अंधेरे पखवाड़े में मनाया जाता है. शीतला अष्टमी होली के त्योहार के आठ दिनों के बाद मनाई जाती है. कुछ समुदायों में यह होली के बाद पड़ने वाले पहले गुरुवार या सोमवार को मनाया जाता है. कुछ क्षेत्रों में शीतला अष्टमी को हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है. चैत्र कृष्ण पक्ष अष्टमी को सबसे शुभ माना जाता है. यह भी पढ़ें: Sheetala Ashtami 2020: स्वच्छता की अधिष्ठात्री माता शीतला की पूजा-अर्चना से मिलती है रोगों से मुक्ति, पूजा-विधान के साथ जानें क्यों लगाते हैं बासी भोग?
शीतला माता को चेचक और खसरा जैसी बीमारियों को ठीक करने के लिए जाना जाता है. शीतला माता की सवारी गधा है. वे अपने हाथों में क्रमशः नीम के पत्ते, झाड़ू, सूप और एक बर्तन पकड़े हुए देखा जाता है. कई धार्मिक शास्त्रों में उसकी महिमा का उल्लेख किया गया है. स्कंद पुराण में देवी शीतला की पूजा करने के लाभ, शीतला माता स्तोत्र या शीतलाष्टक के बारे में बताया गया है, जो भगवान शिव द्वारा लिखा गया था. शीतला अष्टमी का दिन माता शीतला की पूजा करने के लिए समर्पित है. महामारी, रोगों के प्रकोप को रोकने के लिए देवी की पूजा की जाती है. इस दिन भक्त खाना पकाने के लिए आग नहीं जलाते हैं और ज्यादातर बासी भोजन का सेवन करते हैं. उनका मानना है कि इस दिन देवी शीतला की पूजा करने से खसरा, चेचक और चेचक जैसी बीमारियां ठीक हो जाती हैं.
1. आप और आपके परिवार को
शीतला अष्टमी की हार्दिक बधाई
मां शीतला आपका कल्याण करे
2. यूं ही नहीं झुकती दुनिया तेरे दर पे,
तकदीरें बनती हैं मैया तेरे दर पे
शीतला अष्टमी की हार्दिक बधाई
3. शीतला अष्टमी का यह दिन
आपके जीवन में खुशहाली लाए
शीतला अष्टमी की हार्दिक बधाई
4. मां शीतला आपकी और आपके
परिवार की रक्षा करे और रोग मुक्त रखे.
शीतला अष्टमी की हार्दिक बधाई
5. शीतला अष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं
शीतला अष्टमी का त्यौहार राजस्थान, गुजरात और उत्तर प्रदेश में बहुत लोकप्रिय है. राजस्थान में शीतला अष्टमी का त्योहार बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. इस दिन एक विशाल मेले का आयोजन किया जाता है और इस दिन कई संगीत कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है. भक्त शीतला अष्टमी को बहुत ही उत्साह और भक्ति के साथ मनाते हैं.