Sambhaji Jayanti 2020 Wishes & Images: संभाजी महाराज जयंती पर प्रियजनों को भेजें ये हिंदी WhatsApp Stickers, Facebook Messages, GIF Greetings, HD Photos, Wallpapers और दें शुभकामनाएं
संभाजी महाराज जयंती 2020 (Photo Credits: File Image)

Sambhaji Maharaj Jayanti 2020 Wishes In Hindi: मराठा साम्राज्य की नींव रखने वाले महान शासक और वीर योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) के सबसे बड़े पुत्र संभाजी महाराज की आज जयंती (Sambhaji Maharaj Jayanti) मनाई जा रही है. संभाजी महाराज (Sambhaji Maharaj)  यानी संभाजी राजे का जन्म 14 मई 1657 को पुणे से करीब 50 किलोमीटर दूर पुरंदर किले में हुआ था. संभाजी महाराज शिवाजी महाराज की पहली पत्नी सईबाई के बेटे थे, महज दो साल की उम्र में सईबाई का निधन हो गया, जिसके चलते उनकी परवरिश दादी जीजाबाई ने की. कहा जाता है कि संभाजी को बहुत कम उम्र में ही राजनीति की गहरी समझ आ गई थी, जब वे नौ साल के थे तो उन्हें एक समझौते के तहत राजपूत राजा जयसिंह के यहां बंदी की तरह रहना पड़ा था. पिता के निधन के बाद जब वे सत्ता में आए तभी से मुगलों से उन्होंने बैर लेना शुरू कर दिया. उन्होंने बुरहानपुर पर हमला करके मुगल सेना का पस्त कर दिया था. महज 32 साल की उम्र में मुगल बादशाह औरंगजेब ने उनकी हत्या करवा दी थी.

छत्रपति शिवाजी महाराज की तरह उनके पुत्र संभाजी महाराज की जयंती भी महाराष्ट्र में धूमधाम से मनाई जाती है. इस खास मौके पर आप इन हिंदी वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स, एचडी फोटोज, विशेज और इमेजेस के जरिए प्रियजनों को छत्रपति संभाजी महाराज जयंती की शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1- छत्रपति संभाजी महाराज जयंती की शुभकामनाएं

संभाजी महाराज जयंती 2020 (Photo Credits: File Image)

2- छत्रपति संभाजी महाराज जयंती की हार्दिक बधाई

संभाजी महाराज जयंती 2020 (Photo Credits: File Image)

3- संभाजी महाराज जयंती की ढेर सारी शुभकामनाएं

संभाजी महाराज जयंती 2020 (Photo Credits: File Image)

4- संभाजी महाराज जयंती की बहुत-बहुत बधाई

संभाजी महाराज जयंती 2020 (Photo Credits: File Image)

5- हैप्पी छत्रपति संभाजी महाराज जयंती

संभाजी महाराज जयंती 2020 (Photo Credits: File Image)

गौरतलब है कि संभाजी महाराज बचपन से ही क्रांतिकारी किस्म के थे और उन्हें गैर-जिम्मेदार भी माना गया. उनके आचरण को काबू में लाने के लिए शिवाजी महाराज ने उन्हें 1678 में पान्हाला किले में कैद कर दिया था. जब अप्रैल 1680 में शिवाजी महाराज का निधन हुआ तब शिवाजी महाराज के दूसरे पुत्र राजाराम को सिंहासन पर बिठाया गया. पिता के निधन की खबर मिलते ही अपने कुछ शुभचिंतकों के साथ मिलकर संभाजी को पान्हाला किले पर कब्जा कर वहां से मुक्त होने में कामयाबी हासिल की और फिर 18 जून 1680 को उन्होंने रायगढ़ किले को भी अपने अधिकार में ले लिया, इसके बाद 20 जुलाई 1680 को उनकी ताजपोशी की गई.