Ramzan Mubarak 2020 Wishes In Hindi: इस्लाम धर्म के सबसे पवित्र महीने रमजान (Ramadan) की शुरुआत होने वाली है. चांद के दीदार के बाद इस साल रमजान महीने की शुरुआत 24 या 25 अप्रैल से हो सकती है. दरअसल, इस्लाम धर्म (Islam) के अनुयायी रमजान महीने का बेसब्री से इंतजार करते हैं. इस महीने मुस्लिम समुदाय (Muslim Community) के लोग रोज रखते हैं और अपनी सभी बुरी आदतों से तौबा कर नेकी के रास्ते पर चलने का प्रण लेते हैं. इस दौरान लोग न सिर्फ भूखे-प्यासे रहते हैं, बल्कि उनके आंख, कान और जीभ भी रोजे के नियमों का पालन करते हैं. इसका मतलब है कि रमजान (Ramzan) के पवित्र महीने में न बुरा देखना चाहिए, न बुरा सुनना चाहिए और न ही जुबान से बुरे अल्फाज निकालने चाहिए.
इस साल दुनिया भर में कोरोना वायरस संक्रमण (Coronavirus) के चलते मस्जिदों और सार्वजनिक स्थलों पर नमाज अदा करने व इफ्तार करने पर पाबंदी लगाई गई है, लिहाजा लोगों से अपने घरों में रहकर रमजान की सारी रस्मों को अदा करने की अपील की जा रही है. रमजान के पाक महीने की शुरुआत के साथ ही अल्लाह की इबादत का सिलसिला शुरू हो जाता है. इस दौरान लोग अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और प्रियजनों को वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, फोटो एसएमएस और वॉलपेपर्स के जरिए रमजान मुबारक Ramadan Mubarak) कह सकते हैं.
1- रमजान आया है, रमजान आया है,
रहमतों का, बरकतों का महीना आया है,
लूट लो नेकियां, जितना लूट सकते हो,
पूरे एक साल में, ये ऑफर का महीना आया है.
रमजान मुबारक
2- रमजान का चांद देखा,
रोजे की दुआ मांगी,
रोशन सितारा देखा,
आप की खैरियत की दुआ मांगी.
रमजान मुबारक
3- गुल ने गुलशन से गुलफाम भेजा है,
सितारों ने आसमान से सलाम भेजा है,
मुबारक हो आपको रमजान का महीना,
ये पैगाम हमनें सिर्फ आपको भेजा है.
रमजान मुबारक
4- आसमान पे नया चांद है आया,
सारा आलम है खुशी से जगमगाया,
हो रही है सहर-ओ-इफ्तार की तैयारी,
सज रही है दुवाओं की सवारी,
पूरे हों आपके दिल के हर अरमान,
मुबारक हो आप सबको प्यारा रमजान.
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5- चांद से रोशन हो रमजान तुम्हारा,
इबादत से भरा हो रोजा तुम्हारा,
हर रोजा और नमाज कबूल हो तुम्हारी,
बस यही अल्लाह से है दुआ हमारी.
रमजान मुबारक
गौरतलब है कि रमजान में इस्लाम धर्म के लोग 30 दिन तक रोजा रखते हैं. रोजे की शुरुआत सूर्योदय से पहले की जाने वाली सेहरी से होती है और दिन भर भूखे-प्यासे रहकर सूर्यास्त के बाद इफ्तार करके रोजेदार अपना रोजा खोलते हैं. दरअसल, रमजान के पाक महीने को सुबह और शाम के रोजा द्वारा परिभाषित किया गया है और इसे सभी मुसलमानों के लिए अनिवार्य माना जाता है, लेकिन बीमार लोगों, बुजुर्गों और बच्चों के लिए रोजा रखना अनिवार्य नहीं होता है.