Nag Panchami 2020: उज्जैन के नागचंद्रेश्वर मंदिर में पुजारियों ने की नाग पंचमी की विशेष पूजा, साल में एक बार खुलते हैं इस मंदिर के कपाट
नागचंद्रेश्वर मंदिर, उज्जैन (Photo Credits: ANI)

उज्जैन: कोरोना संकट (Corona Crisis) के बीच आज देश में नाग पंचमी (Nag Panchami) का त्योहार मनाया जा रहा है. सावन मास (Sawan) के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को हर साल यह पर्व मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव (Lord Shiva) के साथ नाग देवता (Nag Devta) की आराधना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है, इसलिए इस दिन लोग शिवलिंग (Shivling) का अभिषेक करके नाग देवता की पूजा करते हैं और उन्हें दूध पिलाते हैं. नाग पंचमी के दिन मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन (Ujjain) स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर (Nagchandreshwar Temple) में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इस मंदिर की विशेषता यह है इसके कपाट साल में एक बार नाग पंचमी के दिन ही भक्तों के लिए खुलते हैं. उज्जैन के महाकाल ज्योतिर्लिंग (Mahakal Jyotirlinga) के शीर्ष पर स्थित इस मंदिर के कपाट नाग पंचमी के लिए एक साल बाद शुक्रवार की मध्यरात्रि खोले गए.

नाग पंचमी के शुभ अवसर पर नागचंद्रेश्वर मंदिर में पुजारियों ने विशेष पूजा-अर्चना की. ऐसा करीब 300 साल में पहली बार हुआ है, जब कोरोना संक्रमण के चलते भक्तों को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है. हालांकि भक्त घर बैठे नागचंद्रेश्वर मंदिर के लाइव दर्शन कर सकते हैं. मंदिर के पुजारी के अनुसार, साल में एक बार नाग पंचमी के दिन ही इस मंदिर के कपाट खोले जाते हैं.

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नाग पंचमी के अवसर पर भगवान नागचंद्रेश्वर की त्रिकाल पूजा की जाती है. पहली पूजा 24 जुलाई की रात को सपन्न हुई, शनिवार दोपहर 12 बजे उनका शासकीय पूजन किया जाना है, फिर शाम 7.30 बजे मंदिर समिति की ओर से महाकाल मंदिर के पुजारी पूजा-अर्चना करेंगे. इसके बाद शनिवार रात 12 बजे पूजन कर मंदिर के कपाट को फिर से एक साल के लिए बंद कर दिया जाएगा. यह भी पढ़ें: Happy Nag Panchami 2020 Messages: नाग पंचमी के शुभ अवसर पर सगे-संबंधियों को इन हिंदी WhatsApp Stickers, Facebook Greetings, GIF Wishes, HD Images, Wallpapers, SMS, Quotes के जरिए दें शुभकामनाएं

गौरतलब है कि नागचंद्रेश्वर मंदिर में विराजमान जिस प्रतिमा के दर्शन भक्तों को मिलते हैं, उसका निर्माण 11वीं शताब्दी में किया गया था. मंदिर में विराजमान प्रतिमा में भगवान शिव और माता पार्वती के शीश पर छत्र के रूप में फन फैलाए नाग देवता के दर्शन भक्तों को प्राप्त होते हैं. मंदिर के दूसरे हिस्से में भगवान नागचंद्रेश्वर शिवलिंग के रूप में विराजमान हैं. हर साल नाग पंचमी के दिन हजारों भक्त भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन के लिए यहां पहुंचते हैं.