Muharram 2021: मुहर्रम के शुरुआत पर ये Quotes और Messages भेजकर इमाम हुसैन की शहादत को करें याद
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: File Image)

Islamic New Year 2021: इस्लामिक कैलेंडर में बारह महीने होते हैं, यानी अल-मुहर्रम, सफ़र, रबी-अल-थानी, जुमादा अल-अव्वल, जुमादा अल-थानी, रजब, शाबान, रमज़ान, शव्वाल, ज़ू अल-क़दाह, और ज़ू अल-हिज्जाह. मुहर्रम रमजान के बाद दूसरा सबसे पवित्र महीना है (उपवास की अवधि जिसे साव कहा जाता है). इस्लामिक नव वर्ष को मुहर्रम का पहला दिन हिजरी नव वर्ष के रूप में भी जाना जाता है, इस साल नए साल की शुरुआत अगस्त के दूसरे हफ्ते से होगी. दुनिया के ज्यादातर हिस्सों में इस्लामिक नव वर्ष का पहला मुहर्रम 11 अगस्त 2021 से शुरू होगा.

इस्लामिक कैलेंडर या हिजरी कैलेंडर में लगभग 354 या 355 दिन होते हैं जो ग्रेगोरियन कैलेंडर के समान नहीं होते हैं. यह दिन पैगंबर मुहम्मद के मक्का से मदीना प्रवास का भी प्रतीक है. मुहर्रम का दसवां दिन, जिसे आशूरा के दिन के रूप में जाना जाता है, 19 अगस्त, 2021 (गुरुवार) को पड़ने की उम्मीद है. मुहर्रम को इस्लामिक चंद्र कैलेंडर के सबसे पवित्र महीनों में से एक माना जाता है. इस महीने में मुसलमानों को झगड़े में भाग लेने की मनाही है. मुहर्रम का अर्थ है 'अस्वीकार्य' और इसे याद करने का महीना माना जाता है. मुसलमान पवित्र कुरान की आयतें पढ़ते हैं और नमाज अदा करते हैं. इस दिन मुसलमान अपने प्रियजनों को Quotes और Messages भेजकर इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हैं.

1. करबला को करबला के शहंशाह पर नाज है,

उस नवासे पर मोहम्मद को नाज़ है,

यूं तो लाखों सर झुके सजदे में लेकिन,

हुसैन ने वो सजदा किया जिस पर खुदा को नाज़ है.

Muharram 2021 (Photo Credits: File Image)

2. यूं ही नहीं जहां में चर्चा हुसैन का,

कुछ देख के हुआ था जमाना हुसैन का,

सर दे के जो जहां की हुकूमत खरीद ली,

महंगा पड़ा याजिद को सौदा हुसैन का

Muharram 2021 (Photo Credits: File Image)

3. सजदे से करबला को बंदगी मिल गयी

सब्र से उम्मत को ज़िन्दगी मिल गयी

एक चमन फातिमा का उजड़ा,

मगर सारे इस्लाम को ज़िन्दगी मिल गयी.

Muharram 2021 (Photo Credits: File Image)

4. वो जिसने अपने नाना का वादा वफ़ा कर दिया.

घर का घर सुपर्द-ए-खुदा कर दिया..

नोश कर लिया जिसने शहादत का जाम..

उस हुसैन इब्ने-अली पर लाखों सलाम

Muharram 2021 (Photo Credits: File Image)

5. नज़र गम है नज़रों को बड़ी तकलीफ होती है,

बगैर उनके नज़रों को बड़ी तकलीफ होती है,

नबी कहते थे अक्सर के अक्सर ज़‍िक्र-ए-हैदर से,

मेरे कुछ जान निसारों को बड़ी तकलीफ होती है

महंगा पड़ा याजिद को सौदा हुसैन का

Muharram 2021 (Photo Credits: File Image)

शिया मुसलमान मुहर्रम के दसवें दिन शोक मनाते हैं. वे पैगंबर मोहम्मद के पोते और उनके साथियों हजरत इमाम हुसैन की याद में ऐसा करते हैं. हज़रत इमाम कर्बला की लड़ाई में शहीद हुए थे. कई लोग इस शहादत को इस्लाम के लिए सबसे बड़े बलिदानों में से एक बताते हैं. कई मुसलमान मस्जिद में विशेष प्रार्थना सभा में शामिल होते हैं. मुहर्रम के नौवें, दसवें और 11वें दिन के दौरान, मुसलमान सुबह से शाम तक उपवास करते हैं. इस साल इमाम हुसैन की शहादत का दिन 11 अगस्त को पड़ने की संभावना है. इस दिन को आशूरा भी कहा जाता है.