Maharashtra Krishi Din 2023 Wishes in Hindi: हर साल 1 जुलाई को महाराष्ट्र कृषि दिवस (Maharashtra Krishi Din) मनाया जाता है, जो कि इस राज्य के किसान भाईयों के लिए बेहद खास दिन है. दरअसल, महाराष्ट्र के हरित क्रांति (Green Revolution) के जनक और राज्य पूर्व मुख्यमंत्री वसंतराव नाइक (Vasantrao Naik) की जयंती पर महाराष्ट्र कृषि दिन मनाया जाता है. वसंतराव फुलसिंह नाइक का जन्म 1 जुलाई 1913 को हुआ था. उन्होंने साल 1963 से 1975 की अवधि के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाला था. इस दौरान उन्होंने राज्य में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने और किसानों के विकास में अपना अहम योगदान दिया था. वसंतराव नाइक ने राज्य में खेती करने वाले किसानों को मूल्यावान सेवाएं प्रदान की थीं. उन्हें महाराष्ट्र में हरित क्रांति का जनक माना जाता है, इसलिए इस दिन का विशेष महत्व बताया जाता है. इस दिन कृषि क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान को याद किया जाता है.
महाराष्ट्र, देश के प्रमुख उत्पादक राज्यों में शुमार है, राज्य में होने वाली खेती से देश को कई उत्पाद मिलते हैं. महाराष्ट्र के हरित क्रांति के जनक वसंतराव नाइक की याद में मनाया जाने वाला महाराष्ट्र कृषि दिवस राज्य के सभी किसानों के लिए बेहद खास है. ऐसे में इस अवसर पर आप इन इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, कोट्स के जरिए किसान भाइयों को बधाई दे सकते हैं.
1- छत टपकती है उसके कच्चे मकान की,
फिर भी बारिश अच्छी हो यह तमन्ना है किसान की.
महाराष्ट्र कृषि दिवस हार्दिक बधाई
2- मैं किसान हूं मुझे भरोसा है अपने जूनून पर,
निगाहें लगी हुई हैं आकाश के मानसून पर.
महाराष्ट्र कृषि दिवस हार्दिक बधाई
3- कोई परेशान है सास-बहू के रिश्तो में,
किसान परेशान हैं कर्ज की किश्तों में.
महाराष्ट्र कृषि दिवस हार्दिक बधाई
4- पैर हो जिनके मिट्टी में, दोनों हाथ कुदाल पर रहते हैं,
खेतों में हरियाली आए, इसलिए किसान दिन-रात लगे रहते हैं.
महाराष्ट्र कृषि दिवस हार्दिक बधाई
5- मेहनत करके अन्न उगाते हैं, पेट सभी का भरते हैं,
वो मसीहा हैं मेहनत के, जिन्हें हम किसान कहते हैं.
महाराष्ट्र कृषि दिवस हार्दिक बधाई
इस दिन राज्य भर में किसानों के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनमें किसानों की समस्याओं और खेती के मुद्दे पर चर्चा करते उसका समाधान निकालने का प्रयास किया जाता है. दरअसल, देश का प्रमुख कृषि राज्य होने के बावजूद महाराष्ट्र के अन्नदाता किसान बहहाली में जीने को मजबूर हैं. अकाल, सूखा, बारिश की कमी और कर्ज के बोझ तले दबे होने की वजह से राज्य में कई किसान आत्महत्या तक करने को मजबूर हो जाते हैं. ऐसे में कृषि दिवस पर किसानों और खेती से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा कर उनका समाधान निकालने की कोशिश की जाती है.