Mahaparinirvan Din 2023 Quotes In Marathi: डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर (Dr Bhimrao Ramji Ambedkar) जिन्हें हम भारत के नागरिक बाबासाहेब या भारतीय संविधान के पिता के नाम से अधिक जानते हैं. उन्होंने 6 दिसंबर 1956 को अपनी नींद में अंतिम सांस ली. समाज में डॉ. अंबेडकर के बहुमूल्य योगदान को याद करने के लिए यह दिन पूरे भारत में महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है. परिनिर्वाण बौद्ध धर्म के प्राथमिक सिद्धांतों में से एक है. इसका अर्थ है 'कोई व्यक्ति जिसने अपने जीवनकाल में और मृत्यु के बाद निर्वाण या स्वतंत्रता प्राप्त कर ली है.' संस्कृत में 'परिनिर्वाण' का अर्थ है 'मृत्यु के बाद निर्वाण' प्राप्त करना, अर्थात, मृत्यु के बाद शरीर से आत्मा की मुक्ति. पाली में इसे 'परिनिब्बाना' के रूप में लिखा जाता है, जिसका अर्थ है निर्वाण की प्राप्ति.
बौद्ध साहित्य महापरिनिब्बान सुत्त के अनुसार, भगवान बुद्ध की मृत्यु 80 वर्ष की आयु में हुई और वह दिन- बौद्ध कैलेंडर में सबसे पवित्र दिन, मूल महापरिनिर्वाण दिवस माना जाता है. डॉ. बी.आर. अम्बेडकर 'द बुद्धा एंड हिज धम्मा' नामक किताब लिख रहे थे. किताब पूरी करने के कुछ ही दिनों बाद उन्होंने अंतिम सांस ली. 14 अक्टूबर 1956 को बाबासाहेब ने नागपुर में वर्षों तक धर्म का अध्ययन करने के बाद बौद्ध धर्म अपना लिया. उन्होंने अपने जीवन में बाद में बौद्ध धर्म का प्रचार भी किया और उनके 5,00,000 अनुयायी उन्हें बौद्ध नेता मानते थे.
भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर जितने महान राजनेता थे, उनके विचार भी उतने ही महान थे. उनके महान विचारों में जीवन जीने की कला छुपी हुई है, जिससे हम सभी प्रेरणा ले सकते हैं. डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के इस अवसर पर आप उनके इन महान विचारों को अपनों के साथ शेयर करके उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं.
न्याय मिळवुन देण्यासाठी तो रात्रंदिवस झुरला..
दलितांच्या अंधाऱ्या दुनियेत तो एकटाच सुर्य ठरला..
“अरे गर्वाने देतो आम्ही त्याला देवाची जागा”
कारण एका महाराचा मुलगा,
अवघ्या 33 कोटींना पुरला..
महापरिनिर्वाणदिनी महामानवास,
विनम्र अभिवादन्!
प्राणाची आहुती दिली, आमच्या जीवनासाठी..
त्रास भोगला किती, आमच्या हसण्यासाठी..
कसे विसरू बाबा तुमचे उपकार,
हा जन्म वाहिला मी फक्त तुमचे गुणगान गाण्यासाठी..
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर महापरिनिर्वाण दिना निमित्त,
विनम्र अभिवादन !
लोकांनी सत्याच्या मार्गावर चालावे यासाठी बनले ते मार्गदर्शक
वेळप्रसंगी योग्य वाट दाखविण्यासाठी बनले त्यांचे दिशादर्शक
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर यांना महापरिनिर्वाण दिनी कोटी कोटी प्रणाम!
भारतीय राज्यघटनेचे शिल्पकार
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर यांच्या महापरिनिर्वाण दिनानिमित्त
त्यांच्या पवित्र स्मृतीस विनम्र अभिवादन…!
देशात एकता, समता, बंधुता नांदावी
म्हणून आयुष्यभर झटणाऱ्या महामानवाला
महापरिनिर्वाण दिनानिमित्त
कोटी कोटी प्रणाम!!!
देवावर अवलंबून राहू नका.
जे करायचे ते मनगटाच्या जोरावर करा.
असा संदेश देणारे डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर
यांच्या स्मृतीस महापरिनिर्वाण दिनानिमित्त त्रिवार अभिवादन!
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर यांच्या स्मृतीस
महापरिनिर्वाण दिनानिमित्त त्रिवार अभिवादन!
6 दिसंबर 1956 को उनकी मृत्यु के बाद उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार मुंबई के दादर चौपाटी में किया गया, जिसे अब चैत्य भूमि के नाम से जाना जाता है. हर साल इस दिन हजारों लोग और उनके अनुयायी महान नेता को श्रद्धांजलि देने के लिए चैत्य भूमि पर इकट्ठा होते हैं. डॉ. अम्बेडकर को उनके कद और भारत में अस्पृश्यता उन्मूलन में योगदान के कारण बौद्ध गुरु माना जाता था।.उनके अनुयायियों का मानना है कि वह भगवान बुद्ध की तरह ही प्रभावशाली, पवित्र और धन्य थे. यही कारण है कि उनकी पुण्य तिथि को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है.