Maghi Ganpati 2024 Invitation Card Format in Marathi: माघी गणेश जयंती पर दर्शन के लिए प्रियजनों को करें आमंत्रित, शेयर करें ये मराठी ई-इनविटेशन कार्ड
माघी गणेश जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

Maghi Ganpati 2024 Invitation Card Format in Marathi: गणेश जयंती (Ganesh Jayanti) के पर्व को भगवान शिव (Bhagwan Shiv) और माता पार्वती (Mata Parvati) के लाड़ले पुत्र गणेश जी (Ganesh) के जन्मोत्सव के तौर पर मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, गणेश चतुर्थी का पर्व भाद्रपद मास में मनाया जाता है, जबकि माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को माघी गणेश जयंती (Maghi Ganesh Jayanti) के नाम से जाना जाता है. इस साल माघी गणेश जयंती का पर्व 13 फरवरी 2024 को मनाया जा रहा है. इस दौरान भक्त गणपति बप्पा (Ganpati Bappa) की प्रतिमाओं को अपने घर लाते हैं और उनकी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इसके साथ ही सार्वजनिक पंडालों में भी गणपति बप्पा का आगमन होता है, जिसके लिए कई दिन पहले से तैयारियां की जाती हैं.

माघी गणेश जयंती के पर्व को मुख्य रूप से महाराष्ट्र और कोंकण के तटीय क्षेत्रों में मनाया जाता है. जो लोग अपने घरों में गणपति बप्पा का स्वागत करते हैं वो उनके दर्शन के लिए अपने प्रियजनों को आमंत्रित करते हैं. ऐसे में आप भी माघी गणेश जयंती पर अपने प्रियजनों को मराठी के इन शानदार ई-इनिवेटशन के जरिए दर्शन के लिए आमंत्रित कर सकते हैं.

1- श्री गणेशाय नम:

सालाबादा प्रमाणे यंदाही आमच्याकडे माघी गणपतीचं आगमन होणार आहे. या आनंदसोहळ्या प्रसंगी आपण आपल्या संपूर्ण परिवार व आपतेष्टां सोबत आपल्या लाडक्या बाप्पाचे दर्शन व प्रसादाचा लाभ घेण्यासाठी जरुर हजेरी लावावी.

आपले लाडके,

पत्ता:

माघी गणेश जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

2- माघी गणेश उत्सवामध्ये यंदाही आमच्या घरी दरवर्षी प्रमाणे गणरायाचं आगमन होणार आहे. तरी बाप्पाच्या दर्शनासाठी 13 फेब्रुवारीला  घरी येऊन तीर्थ प्रसादाचा आस्वाद घ्यावा.

पत्ता-

माघी गणेश जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

3- ॐ श्री गणेशाय नम:॥

आमच्या घरी यंदा 13 फेब्रुवारी दिवशी गणरायाचं आगमन होणार आहे. या निमित्त होणार्‍या आनंद सोहळ्यात सहभागी होऊन बाप्पांचे आशिर्वाद घेण्यासाठी आपणास श्री आणि सौ ... कङून आग्रहाचे निमंत्रण!

पत्ता—

तारीख,वेळ

13 फेब्रुवारी दिवशी  सकाळी 9 वाजता श्रींची प्राणप्रतिष्ठा

ऐसी मान्यता है कि माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जी का जन्म हुआ था, इसलिए इसे उनके जन्मोत्सव के तौर पर मनाया जाता है. कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखकर विधि-विधान से गणपति बाप्पा की पूजा करने से भक्तों के जीवन से सभी कष्ट दूर होते हैं और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही गणपति बप्पा की कृपा से भक्तों के जीवन में शुभता, सुख-समृद्धि और खुशहाली का आगमन होता है.