Lent 2020: आज से शुरु हो रहा है लेंट, जानें ऐश-बुधवार से शुरू होने वाले इस 40 दिवसीय उपवास का महत्व
लेंट 2020 (Photo Credits: Pixabay)

Lent 2020 Date: लेंट का पवित्र समय आज यानी 26 फरवरी से शुरू हो रहा है. दुनिया भर का ईसाई समाज 40 दिन के इस उपवास पर्व को दुःख भोग के रूप में सेलीब्रेट करते हैं. इस दौरान वे प्रभु से प्रार्थना करते हैं, निषिद्ध वस्तुओं से परहेज रखते हुए उपवास रखते हैं. साथ ही प्रभु ईशु को क्रूस पर दिये बलिदान को याद करते हैं.

लेंट 2020 ऐश आज यानी 26 फरवरी बुधवार से शुरू हो रहा है. इस दिन को दुनिया भर के ईसाई समाज के लोग पूरे धार्मिक रीति-रिवाज के साथ मनाते है. यद्यपि लेंट को त्याग एवं आत्म-मंथन के रूप में देखा जाता है. ईसाई समुदाय के लोग इसे स्वयं को बेहतर बनाने के अवसर के रूप में भी स्वीकार करते हैं. लेंट के साथ कई महत्वपूर्ण प्रसंग जुड़े हैं. आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं

क्या है लेंट

क्रिश्चियन समाज के लिय लेंट का विशेष महत्व माना जाता है. प्रत्येक ईसाई समाज के लिए यह एक आध्यात्मिक समय होता है, जो ऐश-बुधवार से शुरू होकर लगभग छः सप्ताह (40) दिनों तक चलते हुए ईस्टर संडे से पूर्व पवित्र गुरुवार को समाप्त होता है. इसका इसका उद्देश्य प्रार्थना के माध्यम से ईस्टर के प्रति अपनी आस्था दर्शाना, तपस्या करना, मांस का कम से कम सेवन करना, पापों का पश्चाताप करना, भिक्षाटन करना और अहंकार से दूर रहना इत्यादि होता है.

ऐश बुधवार क्या है?

ऐश बुधवार को प्रायश्चित का दिन माना जाता है. इस दिन ईसाई समाज के लोग अपने पापों को स्वीकार करते हैं और प्रायश्चित करते हैं. वे ईश्वर के प्रति आस्था को दर्शाते हैं. संपूर्ण ईसाई समुदाय के लिये यह समय बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यह समय लेंटेन काल की शुरुआत को दर्शाता है, जो ईस्टर तक जाता है.

लेंट 2020: कब हो रहा है शुरू?

लेंट की शुरुआत ऐश-बुधवार से होती है, जो इस साल 26 फरवरी यानी आज है. इसकी शुरुआत की तारीख हर साल बदलती है क्योंकि यह ईस्टर संडे से ठीक 47 दिन पहले मनाया जाता है. Lent 2020 ऐश बुधवार 26 फरवरी से शुरू होकर 9 अप्रैल, 2020 तक रहता है.

लेंट का महत्व

जैसा कि हमने पहले उल्लेख किया है, लेंट ऐश बुधवार से शुरू हो रहा है. यह  ईस्टर संडे से पहले पवित्र गुरुवार के साथ 40 दिनों तक रहता है. इस दिन हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि मांस का सेवन कम करेंगे, गरीबों की सेवा करेंगे, अपने पापों का प्रायश्चित करेंगे, अहंकार नहीं करेंगे इत्यादि. लेंट के अंतिम सप्ताह को पवित्र सप्ताह के रूप में जाना जाता है, जो पाम संडे से प्रारंभ होता है. इन 40 दिनों को क्रिश्चियन समाज रेगिस्तान में प्रभु यीशु के बलिदान दिवस को याद करता है. 40 दिन की इस अवधि में क्रिश्चियन समाज के बहुत से लोग उपवास रखते हैं, साथ ही कुछ निषिद्ध वस्तुओं का त्याग करते हैं. इन दिनों को बलिदान दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. 40 दिन उपवास रखते हुए बहुत से लोग इन दिनों खुद को आध्यात्मिक अनुशासन में रखते हैं. उदाहरण के लिए ईश्वर की प्रार्थना करना, खुद को ईश्वर के ज्यादा से ज्यादा समीप रखना, प्रभु के बताये मार्ग पर चलना इत्यादि.