Labh Panchami 2022 Wishes in Hindi: पांच दिवसीय दिवाली उत्सव (Diwali Festival) के समापन के बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को लाभ पंचम (Labh Pancham) यानी लाभ पंचमी (Labh Panchami) मनाई जाती है. इस साल लाभ पंचमी 29 अक्टूबर 2022 को मनाई जा रही है. लाभ पंचम को लाभ पंचमी (Labh Panchami), सौभाग्य पंचमी (Saubhagya Panchami), ज्ञान पंचमी (Gyaan Panchami) और लखनी पंचमी (Laakheni Panchami) जैसे विभिन्न नामों से जाना जाता है. खासकर गुजरात (Gujarat) में इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है. लाभ पचंमी गुजराती नव वर्ष (Gujarati New Year) के पहले कार्य दिवस को चिह्नित करता है, क्योंकि इसी दिन व्यवसायी वर्ग के लोग दिवाली की छुट्टी के बाद काम पर लौटते हैं. यही वजह है कि इस दिवस को गुजराती समुदाय के लिए बेहद विशेष माना जाता है.
लाभ पंचमी के दिन भगवान गणेश की पूजा करने से व्यापार में लाभ मिलता है और शिव-पार्वती की पूजा से मनोवांछित फलों की प्राप्ति होती है. इस दिन लोग मिठाई खिलाकर एक-दूसरे का मुंह मीठा कराते हैं और पर्व की शुभकामनाएं देते हैं. ऐसे में आप भी इन हिंदी विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स को भेजकर अपनों को लाभ पंचमी की बधाई दे सकते हैं.
1- पल-पल सुनहरे फूल खिले,
कभी न हो कांटों का सामना,
जिंदगी आपकी खुशियों से भरी रहे,
लाभ पंचमी पर हमारी यही शुभकामना.
लाभ पंचमी की हार्दिक बधाई
2- लाभ पंचमी का ये त्योहार,
आपके जीवन में लाए खुशियां अपार,
मां लक्ष्मी जी विराजें आपके द्वार,
शुभकामना हमारी करें स्वीकार.
लाभ पंचमी की हार्दिक बधाई
3- हर दम खुशियां हो साथ,
कभी दामन न हो खाली,
हम सब की तरफ से,
विश यू हैप्पी लाभ पंचमी.
लाभ पंचमी की हार्दिक बधाई
4- सदा आपके पर धन की वर्षा हो,
हर जगह सिर्फ आपका ही नाम हो,
दिन-रात आपके कारोबार में लाभ हो,
आप कामयाबी के नए आयाम पर पहुंचे.
लाभ पंचमी की हार्दिक बधाई
5- सौभाग्य पंचमी के पावन पर्व पर,
भगवान आपको और आपके परिवार को,
सुख-समृद्धि और सौभाग्य प्रदान करें.
लाभ पंचमी की हार्दिक बधाई
गौरतलब है कि लाभ पंचमी के दिन व्यापारी वर्ग के लोग अपने नए कार्य शुरु करते हैं, क्योंकि किसी भी नए काम की शुरुआत करने के लिए इस दिन को बेहद शुभ माना जाता है. इस दिन को जीवन में सौभाग्य, सुख-समृद्धि और लाभ लाने वाला माना जाता है. इसके साथ ही इस दिन पुस्तकों की पूजा करने के अलावा गरीबों को भोजन कराना और दान-पुण्य करना अच्छा माना जाता है.