Kharmas 2020: 13 अप्रैल तक नहीं होंगे शुभ कार्य! न बजेगी शहनाई, ना फुटेंगे नारियल
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo: Wikimedia Commons)

Kharmas 2020 Date: हिंदू पंचांग के अनुसारजब भी सूर्य गुरु की राशि धनु या मीन राशि में प्रवेश करते हैं तब मलमास लगता है. इसे पुरुषोत्तम मास (खरमास) कहा जाता है. 14 मार्च से सूर्य मीन राशि में चलेंगे और 13 अप्रैल तक इसी राशि में रहेंगे इसलिए यह महीना मलमास (खरमास) के नाम से जाना जाता है. ज्योतिषियों के अनुसार यह महीना श्रीकृष्ण और श्रीविष्णु भक्तों के लिए बड़े पर्व की तरह होता है. इसलिए इस दौरान श्रीकृष्ण, श्रीविष्णु एवं सूर्य देव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए. 

खरमास काल में घर अथवा दफ्तरों में किसी भी तरह के शुभ-मंगल कार्य नहीं किये जाते, यहां तक कि शुभ-विवाह जैसे मंगल कार्य भी वर्जित होते हैं. आइये जानें इस संदर्भ में ज्योतिषि क्या कहते हैं.

इस बार खरमास में नवरात्रि का योग

इस बार नवरात्रि का प्रारंभ खरमास काल में हो रहा है. हिंदी पंचांग के अनुसार चैत्रीय नवरात्रि 25 मार्च (बुधवार) से प्रारंभ हो रही है. इस दिन कलश स्थापना के साथ मां दुर्गा की नव शक्तियों की आराधना एवं उपवास प्रारंभ होगा. चैत्रीय नवमी 02 अप्रैल (गुरूवार) को है.

खरमास में ये कार्य नहीं करने चाहिए

   ज्योतिष विद्या के अनुसार जब कोई मांगलिक कार्य शुरू किया जाता है तो उसके फलित होने के लिए गुरु का प्रबल होना जरूरी होता हैधनु एवं मीन बृहस्पति ग्रह की राशियां मानी जाती हैंखरमास के समय सूर्य इन दोनों राशियों में होते हैंइसलिए शुभ कार्य नहीं नहीं किये जातेआइये जानें खरमास में क्या-क्या कार्य नहीं करने चाहिए

इस पूरे मास विवाह जैसे शुभ कार्य वर्जित माने गये हैं.

इस काल में किये गये शुभ-विवाह से ना भावनात्मक सुख मिलता है ना ही शारीरिक, साथ ही दाम्पत्य जीवन में भी तनाव बना रहता है.

* खरमास काल में नये मकान का निर्माण अथवा नया घर या नया ऑफिस खरीदने से बड़ी हानि की संभावना होती है.

इस माह में बनाए गये घर जल्दी कमजोर पड़ जाते हैं साथ ही गृह सुख भी नहीं मिलता.

* खरमास काल में कोई भी नया उद्योग, नई कंपनी, नया कार्य शुरू नहीं करना चाहिए. लाभ के उद्देश्य से शुरू किया गया कार्य विपरीत परिणाम दे सकता है.

विवाह के अलावा अन्य मांगलिक कार्यों उदाहरण स्वरूप मुंडन, जनेऊ, कर्णवेध जैसे शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. इससे रिश्तों में खटास की संभावना रहती है.

खरमास की अवधि

(14 मार्च (शनिवार) से 13 अप्रैल (सोमवार) 2020 तक

दोपहर 02.23 बजे सूर्य देव मीन राशि में प्रवेश करेंगे.

खरमास के बाद इस वर्ष पड़ने वाले शुभ विवाह के शुभ मुहूर्त

अप्रैल: 14,15, 25 एवं 26 (4 मुहूर्त)

मई: 1, 2, 3, 4, 6, 8, 9, 10, 11, 13, 17, 18, 19, 23, 24 और 25 (कुल 16 मुहूर्त)

जून: 13, 14, 15, 25, 26, 27, 28, 29 और 30 (9 मुहूर्त)

नवंबर: 26, 29 और 30 (3 मुहूर्त)

दिसंबर: 1, 2, 6, 7, 8, 9, 10 और 11 (8 मुहूर्त)

खरमास समाप्ति का समय

13 मार्च को खरमास खत्म होने के अगले दिन यानी 14 अप्रैल से शुभ-विवाह, मुंडन, हवन, भूमि-पूजन, गृह-प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे.

नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को प्रचलित मान्यताओं के आधार पर सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है और यह लेखक की निजी राय है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसके बारे में हर व्यक्ति की सोच और राय अलग-अलग हो सकती है.