Kartiki Ekadashi 2023 Marathi Wishes: कार्तिक एकादशी (Kartiki Ekadashi 2023) को कार्तिकी एकादशी के रूप में मनाया जाता है. इस साल यह दिन 23 नवंबर को पड़ रहा है. इस एकादशी को बड़ी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन वारकरी संप्रदाय के साथ-साथ वैष्णव संप्रदाय भी एक दिन का व्रत रखते हैं. यह चतुर्मास व्रत का अंतिम दिन माना जाता है. कार्तिक एकादशी को प्रबोधिनी एकादशी (Prabodhini Ekadashi) या बोधिनी एकादशी (Bodhini Ekadashi) के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु चातुर्मास के दौरान अपनी चार महीने की योग निद्रा से जागते हैं और फिर से इस सृष्टि के रखरखाव का कार्यभार संभालते हैं. इसलिए इसे देवोत्थानी, देव उठनी एकादशी भी कहा जाता है. इस साल कार्तिकी एकादशी का व्रत 25 नवंबर को रखा जाएगा. यह भी पढ़ें: Tulsi Vivah 2023 Pot Decoration Ideas: विवाह के लिए तुलसी के गमले को सजाने के लिए सरल और क्रिएटिव आइडियाज (वीडियो देखें)
साल में दो प्रमुख एकादशियां आती हैं. इनमें से पहली है आषाढ़ी एकादशी और दूसरी है कार्तिकी एकादशी. आषाढ़ी एकदशी को पंढरपुर की एकादशी माना जाता है, जबकि कार्तिकी एकदशी को आलंदी की एकादशी माना जाता है. आषाढ़ी एकादशी पर वारकरी आलंदी से पंढरपुर जाते हैं. इसके अलावा कार्तिकी एकादशी पर वारकरी पंढरपुर से आलंदी आते हैं. आषाढ़ी एकादशी को पांडुरंग का माहात्म्य है और कार्तिकी एकादशी को ज्ञानेश्वर का माहात्म्य है. कार्तिकी एकादशी के अवसर पर ये एचडी इमेजेज, व्हाट्सएप स्टेटस के माध्यम से ये मराठी विशेज शेयर करें.
टाळ वाजे, मृदूंग वाजे, वाजे हरीचा वीणा !!
माउली निघाले पंढरपूर, मुखाने विठ्ठल विठ्ठल बोला !!
कार्तिकी एकादशी च्या शुभेच्छा!
हेची दान देगा देवा
तुझा विसर न व्हावा
कार्तिकी एकादशीच्या
माऊली भक्तांना शुभेच्छा !
चला आळंदीला जाऊ।
ज्ञानदेवा डोळा पाहु ॥
कार्तिकी एकादशी निमित्त
मंगलमय शुभेच्छा!
कार्तिकीचा सोहळा |
चला जाऊ पाहू डोळा ॥
आले वैकुंठ जवळा |
सन्निध पंढरीये ॥
कार्तिकी एकादशीच्या भक्तीमय शुभेच्छा!
युगे अठ्ठावीस विटेवरी उभा।
वामांगी रखुमाई दिसे दिव्य शोभा ।।
पुंडलिकाचे भेटी परब्रम्ह आले गा।
चरणी वाहे भीमा उद्धरी जगा।
कार्तिकी एकादशीच्या शुभेच्छा!
कार्तिकी एकादशी पर लोग व्रत रखते हैं. वे अपना दिन भजन-कीर्तन में भी बिताते हैं और विट्ठल की महापूजा करते हैं. कार्तिक एकादशी के दिन से ही तुलसी विवाह भी प्रारंभ होता है. कार्तिक पूर्णिमा से तुलसी विवाह का समापन होता है और विवाह के दिन शुरू होते हैं. इस दिन विट्ठल की याद में पंढरी के नाम पर व्रत रखा जाता है.