Jivitputrika Vrat 2020 Wishes & Greetings: जीवित्पुत्रिका व्रत के शुभ अवसर पर अपनों को इन खूबसूरत हिंदी WhatsApp Stickers, GIF Images, HD Photos, Facebook Messages, Wallpapers के जरिए दें शुभकामनाएं
जीवित्पुत्रिका व्रत 2020 (Photo Credits: File Image)

Jivitputrika Vrat 2020 Wishes & Greetings In Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को माएं अपने पुत्रों की दीर्घायु, अच्छी सेहत और उनके सुखमय जीवन की कामना से जीवित्पुत्रिका व्रत (Jivitputrika Vrat) करती हैं, जिसे जितिया (Jitiya Vrat) और जिउतिया व्रत के नाम से जाना जाता है. इस साल जीवित्पुत्रिका व्रत की यह पावन तिथि 10 सितंबर को पड़ रही है. इस दिन महिलाएं अपने पुत्रों की कुशलता के लिए निर्जल व्रत रखती हैं. इस व्रत की कथा महाभारत (Mahabharat) से जुड़ी है, जिसके अनुसार अश्वत्थामा ने बदले की भावना से उत्तरा के गर्भ में पल रहे शिशु को मारने के लिए ब्रह्मास्त्र का प्रयोग किया था, लेकिन भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) ने अपने पुण्यों के फल से उस शिशु को गर्भ में ही दोबारा जीवन दान दिया, पुन: जीवन मिलने के कारण इसका नाम जीवित्पुत्रिका रखा गया जो आगे चलकर राजा परीक्षित के नाम से लोकप्रिय हुआ.

जीवित्पुत्रिका यानी जितिया के इस शुभ अवसर पर महिलाएं निर्जल व्रत रखकर विधि-विधान से पूजा करती हैं और इस व्रत की कथा सुनती हैं. इसके साथ इस पर्व की शुभकामनाएं भी दी जाती हैं. आप भी इस शुभ अवसर पर अपनों को इन खूबसूरत हिंदी वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ इमेजेसे, एचडी फोटोज, फेसबुक मैसेजेस, वॉलपेपर्स, विशेज और ग्रीटिंग्स के जरिए शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1- जीवित्पुत्रिका व्रत की बधाई

जीवित्पुत्रिका व्रत 2020 (Photo Credits: File Image)

2- जीवित्पुत्रिका व्रत 2020

जीवित्पुत्रिका व्रत 2020 (Photo Credits: File Image)

3- जीवित्पुत्रिका व्रत की शुभकामनाएं

जीवित्पुत्रिका व्रत 2020 (Photo Credits: File Image)

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4- हैप्पी जीवित्पुत्रिका व्रत

जीवित्पुत्रिका व्रत 2020 (Photo Credits: File Image)

5- शुभ जीवित्पुत्रिका व्रत

जीवित्पुत्रिका व्रत 2020 (Photo Credits: File Image)

गौरतलब है कि जीवित्पुत्रिका व्रत को सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है. इस व्रत में महिलाएं बिना पानी पिए व्रत करती हैं और इस व्रत से जुड़े सभी नियमों का पालन करती हैं. महिलाएं 10 सितंबर (गुरुवार) को यह व्रत रखकर अगले दिन यानी 11 सितंबर को व्रत का पारण करेंगी. मान्यता है कि इस व्रत को रखने वाली महिलाओं की संतान को लंबी उम्र, अच्छी सेहत और खुशहाल जीवन का वरदान मिलता है.