International Kite Festival 2020: गुजरात (Gujarat) के अहमदाबाद (Ahmadabad) में आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव (International Kite Festival) का इंतजार हर किसी को बेसब्री से होता है. करीब एक सप्ताह तक चलने वाले इस महोत्सव को भव्य और व्यापक रूप से मनाया जाता है. सूर्य के उत्तरायण (Uttarayan) यानी मकर संक्रांति (Makar Sankranti) तक चलने वाले इस महोत्सव की शुरुआत 7 जनवरी से हो रही है और इसका समापन 14 जनवरी को होगा. गुजरात के अहमदाबाद में आयोजित किए जाने वाले इस महोत्सव को विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है, जिसमें विश्व के कई देशों के पतंगबाज हिस्सा लेते हैं. इस महोत्सव के दौरान आसमान में रंग-बिरंगी पतंगों को उड़ाकर सर्दियों के मौसम का जश्न मनाया जाता है.
इस उत्सव को साल 1989 से हर साल जनवरी महीने में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. यह एक ऐसा महोत्सव है जो दुनिया भर के कई देशों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है. इस महोत्सव के लिए महीनों पहले से तैयारियां शुरू हो जाती हैं. पिछले साल यानी 2019 में 30वां अतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव मनाया गया था, जिसमें 151 अंतराष्ट्रीय पतंगबाजों ने हिस्सा लिया था. इस उत्सव के दौरान सभी विभिन्न आकार और आकृतियों वाली पतंगे उड़ाई जाती हैं.
अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव की तिथि
अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव पतंग उड़ाने के शौकीनों के लिए एक अच्छा अवसर प्रदान करता है. गुजरात में आयोजित किए जाने वाले पतंग महोत्सव को उत्तरायण या मकर संक्रांति के रूप में भी जाना जाता है. उत्तरायण यानी मकर संक्रांति हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है. इस पर्व को तमिलनाडु में पोंगल के नाम से जाना जाता है. इस साल मकर संक्रांति का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा. अहमदाबाद में 7 जनवरी से 14 जनवरी तक अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव का आयोजन किया जाएगा. अहमदाबाद के अलावा सूरत, व़डोदरा, राजकोट भी पतंगबाजी के प्रमुख केंद्र माने जाते हैं.
अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव का महत्व
हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार तब मनाया जाता है जब सर्दियों का मौसम गर्मियों में बदलने लगता है. इस दिन नई फसल का उत्सव भी मनाया जाता है. उत्तरायण पर गुजरात में उंदियो (मिश्रित सब्जियां), तिल के लड्डू और जलेबी जैसी चीजों का सेवन किया जाता है. 7 जनवरी से 14 जनवरी तक चलने वाले इस महोत्सव में दुनिया भर के पतंगबाज अपनी पतंगबाजी की कला को प्रदर्शित करने के लिए पहुंचते हैं. यहां देखें पतंग महोत्सव का पूरा शेड्यूल.
उत्तरायण सर्दियों के अंत और गुजरात के किसानों के लिए गर्मियों के मौसम की वापसी का प्रतीक है. 15 जनवरी को वासी उत्तरायण के रूप में जाना जाता है. इस पर्व को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि इसका उल्लेख ऋगवेद में भी मिलता है. गुजरात के प्रमुख शहरों में उत्तरायण के दिन सुबह 5 बजे से पतंगबाजी शुरू हो जाती है और देर रात तक चलती है. अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव में करीब 8-10 मिलियन लोग हिस्सा लेते हैं.