Independence Day 2019: मान-सम्मान-अभिमान का प्रतीक है हमारा राष्ट्रीय ध्वज! जानिए तिरंगा फहराने से जुड़े नियम-कानून
तिरंगा (Photo Credits: Facebook)

Independence Day 2019: किसी भी देश के लिए उसका राष्ट्रीय ध्वज (National Flag) उस देश के मान-सम्मान और गौरव का प्रतीक होता है. यही वजह है कि हर देश का नागरिक अपने राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान अपनी जान से बढ़कर करता है. समय-समय पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने संबंधित कुछ नियम आदि में संसोधन होते रहे हैं. साल 2002 से पूर्व आम लोगों को स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) एवं गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर ही ध्वजारोहण की छूट थी. लेकिन 26 जनवरी 2002 को इंडियन फ्लैग कोड में कुछ संसोधन किये जाने के बाद अब देश का कोई भी नागरिक साल के किसी भी दिन राष्ट्रीय ध्वज (Tricolor) फहरा सकता है.

हमारे राष्ट्रीय पर्वों पर देश का हर नागरिक ध्वजारोहण समारोह में शामिल होता है और राष्ट्रगान के समय राष्ट्रध्वज के सम्मान में खड़ा होकर राष्ट्रगान गुनगुनाता है, ऐसा करते हुए वह खुद में गौरवान्वित महसूस करता है, लेकिन राष्ट्रीय ध्वजारोहण संबंधित नियम-कानून की जानकारी कम ही लोगों को होती है. आइये जानें ध्वजारोहण से संबंधित विधि सम्मत द्वारा पारित नियम एवं कानून क्या क्या हैं.

तिरंगा फहराने से जुड़े नियम-कानून 

  • राष्ट्रीय ध्वज को नदी, सागर अथवा सरोवरों के पानी में नहीं डुबाया नहीं जा सकता. उसे फाड़ना, क्षति पहुंचाना, जलाना अथवा उसका शाब्दिक अपमान करना भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध है. अपराधी को तीन वर्ष की कैद या जुर्माना अथवा विशेष परिस्थितियों में दोनों हो सकते हैं.
  • फहराए गए राष्ट्रीय ध्वज की स्थिति उसे सम्मान देती हुई होनी चाहिए. राष्ट्रीय ध्वज कटा-फटा अथवा गंदा नहीं होना चाहिए. यदि किन्हीं वजहों से राष्ट्रीय ध्वज क्षतिग्रस्त हो गया है, तो उसे सम्मान के साथ किसी एकांत स्थल पर नष्ट कर देना चाहिए. यह भी पढ़ें: Independence Day 2019: भारत के इन वीर क्रांतिकारियों की बदौलत मिली थी देश को आजादी, आइए 73वें स्वतंत्रता दिवस पर उन्हें करें नमन
  • राष्ट्रीय ध्वज का ड्रेस, यूनिफॉर्म, रूमाल, कुशन अथवा अंडर गारमेंट आदि बनवाना या पहनना असंवैधानिक तो है ही इससे राष्ट्रीय ध्वज का अपमान भी होता है.
  • राष्ट्रीय ध्वज पर किसी भी तरह के अक्षर अथवा चित्र आदि बनाना अनुचित है. राष्ट्रीय पर्व विशेष पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने से पूर्व जब उसमें फूलों की पंखुड़िया आदि रखकर बांधते हैं तो फहराने से पूर्व एक ट्रायल लेकर देख लेना चाहिए कि आपका राष्ट्रीय ध्वज सही स्थिति में तो है ना. अर्थात तिरंगे में केसरिया रंग ऊपर और हरा रंग नीचे है. उल्टा ध्वज फहराने अथवा किसी टेबल आदि पर रखने की भूल से बचना चाहिए. यह राष्ट्रीय ध्वज के प्रति आपकी अज्ञानता एवं लापरवाही का भी प्रतीक होता है.
  • राष्ट्रीय ध्वज आयताकार होना चाहिए. साथ ही राष्ट्रीय ध्वज हाथ से काते अथवा बुने गये सूती, सिल्क अथवा खादी कपड़े का होना चाहिए.
  • राष्ट्रीय ध्वज को झुकाकर अथवा जमीन पर नहीं रखा जाना चाहिए. इसके अलावा सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच ही तिरंगा फहराये जाने का प्रावधान है.
  • राष्ट्रीय ध्वज का कमर्शियल इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. विशिष्ठ शख्सियतों के सम्मान स्वरूप भी राष्ट्रीय ध्वज को झुकाना नहीं चाहिए. सेना के शहीद हुए जवानों के अलावा राष्ट्रीय ध्वज किसी आम व्यक्ति के मृत शरीर पर नहीं रखना चाहिए.
  • राष्ट्रीय ध्वज को फहराते समय इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि अगर वक्ता का मुंह दर्शकों की तरफ है तो राष्ट्रीय ध्वज वक्ता के पीछे होना चाहिए, ताकि दर्शक राष्ट्रीय ध्वज को लहराता हुआ देख सकें. यह भी पढ़ें: Republic Day 2019: इस शख्स की वजह से भारत को मिला 'तिरंगा', जानिए राष्ट्रीय ध्वज से जुड़ी 10 रोचक बातें
  • सरकारी भवनों आदि पर राष्ट्रीय ध्वज रविवार और अन्य अवकाश के दिनों में सुर्योदय से सूर्यास्त तक फहराया जा सकता है. अवसर विशेष पर इसे रात में भी फहराया जा सकता है.
  • राष्ट्रीय ध्वज अगर किसी वीआईपी की गाड़ी पर लगा हो तो उसकी स्थिति सामने बीचोबीच अथवा दाईं दिशा में होना चाहिए.

बहरहा, हर राष्ट्र एवं वहां के नागरिकों के लिए उसका राष्ट्रीय ध्वज उसका मान-सम्मान होता है, अतः दूसरे देश के ध्वजा को भी पूरा सम्मान देना चाहिए.