Hariyali Teej 2022 Greetings: हरियाली तीज के इन शानदार WhatsApp Stickers, GIFs, HD Images और Wallpapers के जरिए दें बधाई
हरियाली तीज 2022 (Photo Credits: File Image)

Hariyali Teej 2022 Greetings: सुहागन महिलाओं (Married Women) के लिए आज का दिन बेहद खास है, क्योंकि आज यानी 31 जुलाई 2022 को अखंड सौभाग्य का पर्व हरियाली तीज (Hariyali Teej) मनाया जा रहा है. हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल सावन मास (Sawan Maas) के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को महिलाएं अखंड सौभाग्य की कामना से निर्जला व्रत करती हैं. इस दिन हाथों में मेहंदी रचाकर और सोलह श्रृंगार करके महिलाएं भगवान शिव (Lord Shiva) और माता पार्वती (Mata Parvati) की विधि-विधान से पूजा करती हैं. माना जाता है कि इस व्रत को करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है, जबकि कुंवारी कन्याओं को मनचाहे वर की प्राप्ति का वरदान मिलता है. हरियाली तीज को श्रावणी तीज और छोटी तीज के नाम से भी जाना जाता है. इस तीज को लेकर महिलाओं और कुंवारी कन्याओं में खासा उत्साह देखने को मिलता है.

सावन महीने में होने वाली बारिश के कारण पूरी धरती हरी-भरी हो जाती है, इसलिए इस महीने पड़ने वाली तीज को हरियाली तीज के नाम से जाना जाता है. इस बेहद पावन अवसर पर शुभकामना संदेशों का आदान-प्रदान किया जाता है. ऐसे में हरियाली तीज के इस बेहद पावन अवसर पर आप भी इन शानदार ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ, एचडी इमेजेस और वॉलपेपर्स को भेजकर इस पर्व की बधाई दे सकती हैं.

1- हैप्पी हरियाली तीज

हरियाली तीज 2022 (Photo Credits: File Image)

2- हरियाली तीज की शुभकामनाएं

हरियाली तीज 2022 (Photo Credits: File Image)

3- हरियाली तीज 2022

हरियाली तीज 2022 (Photo Credits: File Image)

4- हरियाली तीज की हार्दिक बधाई

हरियाली तीज 2022 (Photo Credits: File Image)

5- शुभ हरियाली तीज

हरियाली तीज 2022 (Photo Credits: File Image)

इस पर्व को लेकर नवविवाहित महिलाओं में खासा उत्साह देखने को मिलता है. दरअसल, इस दिन नवविवाहित स्त्रियां अपने मायके आती हैं, झूला झुलती हैं और सावन के मधुर गीत गाती हैं. इसके साथ ही इस दिन व्रत रखकर हरे रंग की साड़ी पहनकर सोलह श्रृंगार करती हैं और फिर भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा करती हैं. शिव-पार्वती का पूजन कर महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए प्रार्थना करती हैं, जबकि विवाह योग्य कुंवारी कन्याएं अपने मनचाहे जीवनसाथी को पाने के लिए इस व्रत का पालन करती हैं.