Hanuman Jayanti 2019: हनुमान जी की पूजा के दौरान न करें ये गलतियां, पूरी होगी आपकी हर मनोकामना
हनुमान जयंती 2019 (Photo credits: Facebook)

Hanuman Jayanti 2019: मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम (Lord Rama) के सच्चे सेवक हनुमान जी (Hanuman Ji) की महिमा अपरंपार है. कहा जाता है कि उनके स्मरण मात्र से भूत-प्रेत, पिशाच एवं दूसरी अनिष्टकारी शक्तियां भाग खड़ी होती हैं. अपने भक्त की प्रार्थना सुनकर महावीर हनुमान तत्काल उसके सारे दुख एवं संकट हर लेते हैं. कलियुग में तैंतीस करोड़ हिंदू देवी-देवताओं में बजरंगबली एकमात्र ऐसे देवता हैं, जिनकी आराधना-साधना सर्वत्र एवं सबसे ज्यादा की जाती है. हमेशा की तरह इस वर्ष भी चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन पूरे देश में हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) मनायी जायेगी.

हनुमान भक्त अपने-अपने तरीके से हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त करने की कोशिश करेंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अपने भक्तों की हमेशा भलाई करने वाले हनुमान जी कभी-कभी छोटी सी गल्तियों से रुष्ठ भी हो जाते हैं, जिसका परिणाम अच्छा नहीं होता. तो आइये जानें कि ऐसी कौन-सी बात है, जिससे हर हनुमान भक्त को सदा बच कर रहना चाहिए.

1- हनुमान जी को काला या सफेद रंग प्रिय नहीं

लाल रंग हनुमान जी का सबसे प्रिय रंग है. उनकी पूजा के समय वस्त्र से लेकर पुष्प एवं प्रसाद तक का रंग लाल होगा तो हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं. पूजा करते समय भक्त को भी लाल कपड़े पहनना चाहिए साथ ही हनुमान जी को भी लाल रंग का लंगोट और लाल अथवा पीले रंग का पितांबर ही चढ़ाना चाहिए. गलती से भी काले, सफेद अथवा नीले आदि रंग का वस्त्र नहीं चढ़ाएं. ऐसा करने से आपकी पूजा-अर्चना का नकारात्मक असर पड़ता है, जो किसी भी हनुमान भक्त के लिए हितकारी नहीं होता. अच्छा होगा कि उन्हें लाल गुलाब अथवा गुड़हल के पुष्प ही चढ़ाएं. यह भी पढ़ें: Hanuman Jayanti 2019: हनुमान जी की आराधना से दूर होती हैं सारी बाधाएं, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा की आसान विधि

2- रखें परहेज नमक और दान की मिठाई से

अवसर हनुमान जयंती का हो या मंगलवार अथवा शनिवार का, आप जब हनुमान जी का उपवास रखते हैं तो फलाहार जरूर लें, मगर खानपान में साधारण अथवा सेंधा नमक का सेवन नहीं करना चाहिए. विद्वानों का मत है कि हनुमान जी को नमक पसंद नहीं है. इसके अलावा हनुमान जी के नाम पर जो मिठाई आप दान करते हैं, उस मिठाई का सेवन आपको नहीं करनी चाहिए.

3- पूजा में व्यवधान नहीं आने दें

हनुमान जी बहुत शांत चित्त के देवता माने जाते हैं, इसलिए उनकी पूजा हमेशा एकाग्रमन से ही करनी चाहिए. आप जब हनुमान चालीसा पढ़ रहे हैं या उनकी आराधना कर रहे हैं, तो उस दौरान आपका ध्यान केवल हनुमान जी पर चाहिए. इस दरम्यान आपको न ही किसी के प्रति बुरा सोचना चाहिए और न ही मन को कहीं और भटकने देना चाहिए. अगर आप दुर्भाग्यवश किसी ऐसी जगह हैं जहां अशांत, घबराहट, भय आदि महसूस कर रहे हैं तो मन ही मन हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य कर सकते हैं, इससे आपको आंतरिक शांति महसूस होगी.

4- खंडित मूर्ति की पूजा नहीं करें

महावीर हनुमान जी की पूजा करते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि मूर्ति कहीं से भी खंडित नहीं होनी चाहिए. टूटी अथवा जुडी हुई मूर्ति की पूजा वर्जित मानी गयी है. इस तरह पूजा करके आप प्रतिफल नहीं प्राप्त कर सकते. हनुमान जी को पंचामृत भी पसंद नहीं, इसलिए उनकी पूजा करते वक्त उन्हें पंचामृत का न भोग लगाएं और न ही स्वयं इस्तेमाल करें.

5- मांसाहार से परहेज

अगर आपने जाने-अनजाने में मांसाहार कर लिया है तो उस दिन हनुमान जी की पूजा न करें. न ही हनुमान जी के मंदिर में जाकर उनकी पूजा-अर्चना करें. अगले दिन पूजा करने से पूर्व स्नान कर साफ वस्त्र पहन कर ही हनुमान जी की पूजा करनी चाहिए

6- स्त्रियां हनुमान जी की प्रतिमा को स्पर्श नहीं करें

हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी रहे हैं. उनकी पूजा करते हुए ब्रह्मचर्य का ध्यान एवं पालन जरूर करना चाहिए. उनके भक्तों को कामुक चीजों अथवा ऐसी बातों से दूर रहना चाहिए. श्रीराम कथा एवं हनुमान जी से जुड़े आध्यात्मिक पुस्तकों में वर्णित है कि बाल ब्रह्मचारी रहने के कारण हनुमान जी स्त्रियों से हमेशा दूर रहते थे. इसलिए उनकी पूजा करते समय स्त्रियों को हनुमान जी का स्पर्श करने से बचना चाहिए. यह भी पढ़ें: मंगलवार-शनिवार को हनुमान जी की पूजा से पूरी होती है भक्तों की हर मुराद, जानिए क्यों उन्हें लेना पड़ा था 'पंचमुखी' अवतार

गौरतलब है कि शांतचित्त एवं पूरे विधि विधान से अगर हनुमान जी की पूजा की जाता है तो आपकी आर्थिक उन्नति, राजनीतिक सफलता एवं अच्छे नौकरी की प्राप्ति होती है.

हनुमान जयंती पर बन रहे हैं दो खास नक्षत्र 

ज्योतिषियों के अनुसार इस वर्ष हनुमान जयंती पर दो खास ज्योतिष नक्षत्र बन रहे हैं. पहला चित्रा और दूसरा गजकेसरी योग. हिंदू पंचांग के अनुसार,  18 अप्रैल की रात 9 बजकर 23 मिनट पर चित्रा नक्षत्र प्रारंभ हो जाएगा, जो अगले दिन यानी 19 अप्रैल की शाम 7 बजकर 19 मिनट तक मान्य रहेगा. दूसरा नक्षत्र गजकेसरी सूर्योदय से ही प्रारंभ हो जाएगा। इन दोनों नक्षत्रों के बीच ही हनुमान जी का जन्म होगा.