Guru Purnima 2020 Wishes In Hindi: हर साल आषाढ़ मास की पूर्णिमा Ashadha Purnima) तिथि को देशभर में गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) का पावन पर्व मनाया जाता है. इस पावन तिथि को महर्षि वेदव्यास जी (Maharishi Ved Vyas) का जन्म भी हुआ था, इसलिए इसे व्यास पूर्णिमा (Vyas Purnima) के नाम से भी जाना जाता है. गुरु पूर्णिमा की यह पावन तिथि इस साल 5 जुलाई को पड़ रही है. इस दिन शिष्य द्वारा गुरु की उपासना की जाती है. दरअसल, हिंदू धर्म में गुरु को भगवान की दर्जा दिया गया है, क्योंकि गुरु के बिना व्यक्ति को ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती है, इसलिए माना जाता है कि गुरु ही अज्ञानता रूपी अंधकार से व्यक्ति को ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर ले जाता है. इस विशेष अवसर पर शिष्य गुरु को यथाशक्ति दक्षिणा, पुष्प, वस्त्र आदि भेंट करते हैं.
गुरु पूर्णिमा का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया जाता है, इसलिए इस अवसर पर अपने गुरुजनों और प्रियजनों को बधाई देना न भूलें. आषाढ़ पूर्णिमा के इस शुभ अवसर पर आप अपने प्रियजनों को इन शानदार हिंदी फोटो एसएमएस, कोट्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेज, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स और विशेज के जरिए गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं (Happy Guru Purnima) दे सकते हैं.
1- शांति का पढ़ाया पाठ,
अज्ञानता का मिटाया अंधकार,
गुरु ने सिखाया हमें,
नफरत पर विजय है प्यार.
गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं
2-आपसे से सीखा और जाना,
आप को ही गुरु माना,
सीखा सब आपसे हमने,
कलम का मतलब भी आपसे जाना.
गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं
3- गुरु आपके उपकार का,
कैसे चुकाऊं मैं मोल?
लाख कीमती धन भला..
गुरु है मेरा अनमोल...
गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं
4- हीरे की तरह तराशा गुरु ने,
जीवन को आसान बनाया गुरु ने,
तुमने ही जीवन को राह दिखाई,
तभी जीवन में सफलता आई.
गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं यह भी पढ़ें: Guru Purnima 2020: गुरु पूर्णिमा का हिंदू धर्म में है खास महत्व, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि के साथ जानें 5 सर्वश्रेष्ठ गुरु-शिष्य की जोड़ियों के बारे में
5- गुरु को पारस जानिए,
जो करे लौह को स्वर्ण,
शिष्य और गुरु जगत में,
केवल दो ही वर्ण.
गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएं
गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करना चाहिए. फिर पूजा स्थल पर एक चौकी पर सफेद कपड़ा बिछाकर उस पर 12-12 रेखाओं का एक व्यास पीठ बनाना चाहिए. विधि-विधान से अपने गुरु की प्रतिमा की पूजा करनी चाहिए. अगर गुरु सामने हैं तो उनके चरण धोकर, माथे पर तिलक लगाकर उनके चरण स्पर्श करने चाहिए, फिर उन्हें सम्मानपूर्णक भोजन करवा कर वस्त्र व दक्षिणा भेंट करनी चाहिए.