Gudi Padwa 2024 Wishes in Hindi: गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) महाराष्ट्र (Maharashtra) का एक महत्वपूर्ण पर्व है, लेकिन इसे महाराष्ट्र के अलावा गोवा, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में भी धूमधाम से मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, गुड़ी पड़वा का पर्व हर साल चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है, जो हिंदू नव वर्ष (Hindu New Year) की शुरुआत का भी प्रतीक है. इस दिन लोग अपने घरों के बाहर समृद्धि के प्रतीक के तौर पर गुड़ी लगाते हैं और उसकी पूजा करके इस पर्व मनाते हैं. ऐसी मान्यता है कि यह परंपरा पूरे साल घर-परिवार के लोगों के लिए खुशियां, सफलता और समृद्धि लेकर आती है. इस साल गुड़ी पड़वा का त्योहार 9 अप्रैल 2024, मंगलवार को मनाया जा रहा है, जो हिंदू नव वर्ष विक्रम संवत 2081 और चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) से मेल खाता है. इस दिन देश के विभिन्न राज्यों में नव वर्ष के पर्व को अलग-अलग नामों से मनाया जाता है.
महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा के पर्व को मराठा शासक और महान योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की विजय के रूप में मनाया जाता है. गुड़ी पड़वा को लोग विजय ध्वज के समान अपने घरों में बाहर फहराते हैं, जो हिंदू विजय और समृद्धि का प्रतीक है. गुड़ी पड़वा के इस खास अवसर पर आप इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, फेसबुक ग्रीटिंग्स, फोटो एसएमएस के जरिए प्रियजनों को शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- नए पत्ते आते हैं वृक्ष खुशी से झूम जाते हैं,
ऐसे मौसम में ही तो नया आगाज होता है,
हम यूं ही गुड़ी पड़वा का पर्व नहीं मनाते,
हिंदू धर्म में यह त्योहार प्रकृति के बदलाव से आते.
गुड़ी पड़वा की शुभकामनाएं
2- गुड़ी पड़वा की हैं अनेक कथाएं,
गुड़ी ही विजय पताका कहलाए,
पेड़-पौधों से सजता है चैत्र माह,
इसलिए हिंदू धर्म में यह नव वर्ष कहलाए.
गुड़ी पड़वा की शुभकामनाएं
3- आई हैं बहारे, नाचे हम और तुम,
पास आए खुशियां और दूर जाए गम,
प्रकृति की लीला है हर तरफ छाई,
सभी को दिल से गुड़ी पड़वा की बधाई.
गुड़ी पड़वा की शुभकामनाएं
4- वृक्षों पर सजती नए पत्तों की बहार,
हरियाली से महकता प्रकृति का व्यवहार,
ऐसा सजता है गुड़ी का त्योहार,
मौसम ही कर देता नव वर्ष का सत्कार.
गुड़ी पड़वा की शुभकामनाएं
5- नया दिन, नई सुबह,
चलो मनाएं एक साथ,
है यही गुड़ी का पर्व,
दुआ करें हम रहें सदा साथ...
गुड़ी पड़वा की शुभकामनाएं
गौरतलब है कि गुड़ी पड़वा के दिन लोग स्नान के बाद नए वस्त्र धारण करते हैं, अपने घरों में सुंदर गुड़ी को सजाते हैं. गुड़ी को पारंपरिक रूप से एक बांस की छड़ी का उपयोग करके तैयार किया जाता है, जिसके ऊपर उल्टा चांदी, तांबे या पीतल के कलश को रखा जाता है, फिर केसरिया रंग के पड़े, नीम या आम के पत्तों और फूलों से सजाकर गुड़ी को घर के सबसे ऊंचे स्थान पर लगाया जाता है. इस दिन घर के प्रवेश द्वार पर रंगोली बनाई जाती है और प्रसाद के तौर पर पूरन पोली जैसे लजीज व्यंजन तैयार किए जाते हैं.