Gudi Padwa 2022 Messages: हिंदू धर्म में नए साल की शुरूआत चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है, जिसे गुड़ी पड़वा (Gudi Padwa) के नाम से भी जाना जाता है. इस तिथि का महत्व इसलिए भी और ज्यादा बढ़ जाता है, क्योंकि इसी दिन से मां दुर्गा (Maa Durga) की उपासना के नौ दिवसीय उत्सव चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) की शुरुआत होती है. गुड़ी का शाब्दिक अर्थ होता पताका यानी झंडा और प्रतिपदा तिथि को पड़वा कहा जाता है. गुड़ी पड़वा के इस पर्व को महाराष्ट्र और गोवा समेत दक्षिण भारत में धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं और पुरुष पारंपरिक कपड़े पहनकर घर के आगे एक गुड़ी यानी झंडा रखते हैं. इसी में लोटे पर स्वस्तिक चिह्न बनाकर उस पर रेशम का कपड़ा लपेटा जाता है और गुड़ी को विजय का प्रतीक मानकर उसकी पूजा की जाती है. आज यानी 2 अप्रैल 2022 को गुड़ी पड़वा का पर्व मनाया जा रहा है.
गुड़ी पड़वा यानी हिंदू नव वर्ष के पहले दिन गुड़ी की पूजा करने से घर में साल भर सुख-समृद्धि बनी रहती है और जीवन में किसी तरह की कोई समस्या नहीं आती है. यही वजह कि लोग इसकी खुशियां एक-दूसरे के साथ भी बांटते हैं. ऐसे में आप भी इन शानदार हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स, शायरी और एचडी इमेजेस को भेजकर अपनों से हैप्पी गुड़ी पड़वा कह सकते हैं.
1- मधुर संगीत का साज खिले,
हर एक पल खुशियां ही खुशियां मिले,
दीया-बाती से सजाओ गुड़ी का यह पर्व,
ऐसे ही रोशन रहे नव वर्ष...
हैप्पी गुड़ी पड़वा
2- दोस्तों गुड़ी पड़वा आया है,
अपने साथ नया साल लाया है,
इस नए साल में आओ मिलें सब गले,
और मनाएं गुड़ी पड़वा दिल से...
हैप्पी गुड़ी पड़वा
3- खुशियां हो जाएं ओवरफ्लो,
मस्ती कभी न हो लो,
धन और शोहरत की हो बौछार,
ऐसा आए आपके लिए गुड़ी पड़वा का त्योहार.
हैप्पी गुड़ी पड़वा
4- चारों तरफ हो खुशियां ही खुशियां,
मीठी पुरनपोली और गुझिया ही गुझिया,
द्वार पर सजती सुंदर रंगोली की सौगात,
आसमान में हर तरफ पतंगों की बारात.
हैप्पी गुड़ी पड़वा
5- पिछली यादें गठरी में बांधकर,
करें नए वर्ष का इंतजार,
लाए खुशियों की बारात,
ऐसी हो गुडी पड़वा से परंपरागत शुरुआत.
हैप्पी गुड़ी पड़वा
गुड़ी पड़वा के दिन महाराष्ट्रीयन घरों में पूरन पोली के अलावा कई खास पकवान बनाए जाते हैं. वहीं कई स्थानों पर इस दिन श्रीखंड-पुरी खाने की परंपरा निभाई जाती है. हिंदू धर्म की प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, इसी पावन तिथि पर भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण कार्य शुरु किया था, इसलिए इसे हिंदू नव वर्ष का आरंभ दिन माना जाता है. इस तिथि को बहुत ही शुभ माना जाता है, इसलिए ऐसा कहा जाता है कि इस दिन किसी नए काम की शुरुआत करने से उसमें सफलता प्राप्त होती है.