Ganga Dussehra 2020 Messages In Hindi: कोरोना वायरस (Coronavirus) संकट के बीच आज (1 जून 2020) को गंगा दशहरा (Ganga Dussehra) का पावन पर्व मनाया जा रहा है. गंगा दशहरा का पर्व हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है, जिसका सनातन धर्म में काफी महत्व बताया जाता है. मान्यता है कि इस पावन तिथि को मोक्षदायिनी मां गंगा (Maa Ganga) धरती पर अवतरित हुई थीं, इसलिए इस दिन गंगा स्नान (Ganga Snan) और दान-पुण्य (Daan-Punya) का विशेष महत्व बताया जाता है. इसके साथ ही कहा जाता है कि गंगा दशहरा के दिन गंगा स्नान के साथ मां गंगा का श्रद्धापूर्वक स्मरण करने से व्यक्ति के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं, साथ ही मां गंगा की कृपा से भक्तों के जीवन में सुख-शांति भी आती है.
गंगा दशहरा के दिन सुबह जल्दी उठकर गंगा नदी में स्नान करना चाहिए. अगर ऐसा मुमकिन नहीं है तो स्नान के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करना भी गंगा स्नान जितना ही पुण्यदायी होता है. इसके साथ ही गंगा दशहरा के इस पावन अवसर पर अपने प्रियजनों को इन शानदार हिंदी शुभकामना संदेश, वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक ग्रीटिंग, जीआईएफ, इमेज, एसएमएस, वॉलपेपर्स और कोट्स के जरिए शुभकामनाएं (Ganga Dussehra Wishes) देना न भूलें.
1- ऐ गंगा, तेरे गंगाजल से हो जाते हैं लोग पवित्र,
पर क्यों नहीं होते इससे लोगों के मन पवित्र,
अगर मिट जाए लोगों के मन से ईर्ष्या की मैल,
तो बन जाएगा इस देश में एक प्रेम का महल,
गंगा दशहरा की शुभकामनाएं
2- सुख और दुख जीवन के रंग हैं,
सब सही है अगर श्रद्धा संग है,
गंगा मैया के ध्यान में मलंग हैं,
हैपी गंगा दशहरा कहने का ये नया ढंग है.
गंगा दशहरा की शुभकामनाएं
3- हर दिन आपके जीवन में लाए,
सुख-शांति और समाधान,
पाप नाशिनी गंगा मैया को,
श्रद्धापूर्वक तहे दिल से प्रणाम...
गंगा दशहरा की शुभकामनाएं यह भी पढ़ें: Happy Ganga Dussehra 2020 Wishes: गंगा दशहरा की अपने सगे-संबंधियों को दें बधाई, भेजें ये मनमोहक हिंदी WhatsApp Status, GIF Messages, HD Images, Wallpapers और Photo SMS
4- हर-हर गंगे...!!
भारत माता के हृदय से निकल कर,
सभी पापों का नाश करने वाली,
पतित पावनी मां गंगा को शत-शत नमन.
गंगा दशहरा की शुभकामनाएं
5- गंगा सप्तमी के इस पावन अवसर पर,
आप सभी पर गंगा मैया की असीम कृपा बनी रहे.
गंगा दशहरा की शुभकामनाएं
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ऋषि भागीरथ ने राजा सागर के 60,000 बेटों का उद्धार करने, उन्हें कपिल मुनि के श्राप से मुक्ति दिलाने और धरती वासियों की प्यास को बुझाने के लिए कई सालों तक मां गंगा के लिए कठोर तप किया. उनकी कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर मां गंगा ने धरती पर आना स्वीकार किया. धरती पर आने से पहले गंगा सप्तमी के दिन वे भगवान शिव की जटाओं में समाहित हुईं, फिर ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं, इसलिए इस दिन को गंगा दशहरा के नाम से जाना जाता है.