Ganeshotsav 2019: भाद्रपद की गणेश चतुर्थी को गणेशोत्सव, गणेश पूजा एवं गणपति महोत्सव के नाम से भी जाना जाता है. वैसे तो यह पर्व संपूर्ण भारत (India) में सेलिब्रेट किया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र (Maharashtra) में इसकी भव्यता और दिव्यता बेमिशाल होती है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) का पर्व भाद्रपद के शुक्लपक्ष की चतुर्थी के दिन मनाया जाता है. यह महोत्सव कम से कम डेढ़ दिन और अधिकतम 11 दिनों तक मनाया जाता है. इस दिन परिवार और छोटे-बड़े सार्वजनिक गणेश मंडल के लोग कच्ची मिट्टी से निर्मित भगवान गणेश की प्रतिमा घर पर लाते हैं. पूरे विधि-विधान से उनकी प्राण प्रतिष्ठा करने के पश्चात दिन में दो बार श्रीगणेश जी की पूजा-अर्चना एवं आरती की जाती है. अंतिम दिन गणेश जी की विदाई के पश्चात प्रतिमा को विसर्जित कर दिया जाता है.
गणेश चतुर्थी की रात क्यों नहीं देखते चांद
इस पर्व के संदर्भ में हमारे वेद पुराणों में एक कहानी उल्लेखित है कि भाद्रपद की चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन नहीं करना चाहिए. दरअसल चंद्र देव अपने सौंदर्य एवं आकर्षण के लिए पूरे ब्रह्माण्ड में विख्यात थे. चंद्रमा को इस बात पर बहुत घमण्ड भी हो गया था. इस वजह से वह अकसर हर किसी का अपमान कर देते थे. यह भी पढ़ें- Ganesh Chaturthi 2019: गणेश चतुर्थी पर इन खास मंत्रों और भजनों से करें गणपति बाप्पा का शानदार स्वागत.
पौराणिक कथा
एक बार चंद्रमा एवं श्रीगणेश जी का आमना-सामना हो गया. चंद्र देव ने भगवान गणेश जी के स्वरूप को देख कर व्यंग्य से मुस्कुराया. उसने गणेश जी के बड़े-से पेट, धड़ के ऊपर हाथी का सिर, बड़े-बड़े कान, एक दांत एवं छोटी-छोटी आंखों को देखकर उनकी हंसी उड़ाई. गणेश जी को चंद्र देव का यह व्यवहार बहुत बुरा लगा. उन्होंने चंद्रमा का सबक सिखाने का फैसला किया और उसे श्राप दे दिया कि तुम अपनी जिस खूबसूरती पर घमण्ड कर रहे हो, उसे जो भी देखेगा, निर्दोष होने के बावजूद वह अपनी बुरी किस्मत को कोसेगा कि क्यों उसने तुम्हें देख लिया. तब चंद्रदेव को अपनी गलती का अहसास हुआ कि उन्होंने शिव-पार्वती पुत्र श्रीगणेश जी का अपमान कर अच्छा नहीं किया.
चंद्रेदव तुरंत गणेश जी के चरणों में गिरकर बोले भगवन मुझे छमा कर दीजिये, मैंने आपका अपमान किया है. चंद्रदेव के अनुनय-विनय पर श्रीगणेश जी ने चंद्र देव को माफ करते हुए कहा कि श्राप कभी वापस नहीं होता. तुम्हें मैने श्राप दिया है तो उसका दण्ड तो तुम्हें भुगतना ही पड़ेगा. चूंकि आज भाद्रपद की चतुर्थी है, इसलिए आज के दिन तुम पर कलंक का दोष विद्यमान रहेगा. आज के दिन जो भी तुम्हें देखेगा, उसे इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा. शेष दिनों में तुम्हारे महात्म्य में कोई कमी नहीं होगी. यह भी पढ़ें- Ganesh Chaturthi 2019 WhatsApp DP and Status: गणपति बाप्पा की HD Photos, GIFS, Wishes, Greetings, जिन्हें आप गणेश चतुर्थी पर वॉट्सऐप डीपी और स्टेटस के तौर पर कर सकते हैं इस्तेमाल.
यद्यपि भाद्रपद की चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखने पर कलंक लगने का कोई वैज्ञानिक स्पष्टीकरण उपलब्ध नहीं है, लेकिन अगर आप श्राप और वरदान आदि पर विश्वास करते हैं और गलती से भी भाद्रपद के शुक्लपक्ष की गणेश चतुर्थी की रात चांद पर आपकी नजर पड़ जाती है तो आप वैज्ञानिक तथ्यों के पीछे नहीं भागते, बल्कि चंद्र दर्शन से लगने वाले कलंक से बचने के लिए श्रीगणेश चतुर्थी व्रत की कथा सुनते अथवा सुनाते हैं.