Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2020 Greetings: शुभ गणाधिप संकष्टी चतुर्थी! इन WhatsApp Stickers, GIF Images, Wallpapers, Photos के जरिए दें बधाई
गणाधिप संकष्टी चतुर्थी 2020 (Photo Credits: File Image)

Ganadhipa Sankashti Chaturthi 2020 Greetings in Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाए जाने वाले संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी (Ganadhipa Sankashti Chaturthi) कहते हैं. अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक, आज (3 दिसंबर 2020) गणाधिप संकष्टी चतुर्थी मनाई जा रही है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत रखकर विधि-विधान से प्रथम पूजनीय भगवान गणेश (Lord Ganesha) का पूजन करने से जीवन से सभी संकटों का नाश होता है और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के लाड़ले पुत्र व देवताओं में प्रथम पूजनीय भगवान गणेश का पूजन करने का विधान है. इस व्रत को महिलाएं अपनी संतान की दीर्घायु और खुशहाल पारिवारिक जीवन की कामना से करती हैं.

संकष्टी चतुर्थी के व्रत को सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि यह सभी देवताओं में प्रथम पूजनीय भगवान गणेश को समर्पित है. इस खास अवसर पर आप अपने दोस्तों-रिश्तेदारों और प्रियजनों को इन मनमोहक ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ इमेजेस, वॉलपेपर्स, फोटोज के जरिए शुभ गणाधिप संकष्टी चतुर्थी कहकर शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1- गणाधिप संकष्टी चतुर्थी 2020

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी 2020 (Photo Credits: File Image)

2- गणाधिप संकष्टी चतुर्थी 2020

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी 2020 (Photo Credits: File Image)

3- गणाधिप संकष्टी चतुर्थी 2020

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी 2020 (Photo Credits: File Image)

4- गणाधिप संकष्टी चतुर्थी 2020

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी 2020 (Photo Credits: File Image)

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5- गणाधिप संकष्टी चतुर्थी 2020

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी 2020 (Photo Credits: File Image)

6- गणाधिप संकष्टी चतुर्थी 2020

गणाधिप संकष्टी चतुर्थी 2020 (Photo Credits: File Image)

गणेश चतुर्थी के दिन सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करने के बाद एक साफ चौकी पर पीले रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर विघ्नहर्ता भगवान गणेश की प्रतिमा को स्थापित करें. फिर गंगाजल छिड़ककर पूरे स्थान को पवित्र करें, फिर गणपति बप्पा की प्रतिमा के सामने धूप-दीप, अगरबत्ती, फूल, माला, फल, दूर्वा, गुड़हल के फूल, मोदक और लड्डूओं से विधिवत पूजन करें. इसके बाद गणेश चालीसा, गणेश स्तुति का पाठ करते हुए गणेश मंत्रों का जप करें और अंत में आरती उतारें. इसके बाद रात में चंद्रमा के दर्शन करने के बाद अपना व्रत पूर्ण करें.