Diwali 2020: धनतेरस से होगा पंचमहोत्सव का आगाज, जानें इस दिन की जाने वाली 10 महत्वपूर्ण बातें
धनतेरस 2020 (File Photo)

Diwali 2020: साल भर के अधिकांश पर्वों को अपनी चपेट में ले चुके कोविड19 (COVID19) का कहर कमोबेश जारी है. अब पांच दिनों के महापर्व दीपावली की बारी है. इस महापर्व का आगाज धनतेरस से हो रहा है. धनतेरस (Dhanteras) 13 नवंबर (शुक्रवार) को है. बाजार में बढ़ती रौनक और भीड़ को देखते हुए यह कहना ग़लत नहीं होगा कि पूर्व के त्यौहारों की तुलना में खरीदारों का जोश कोविड 19 की दहशत पर भारी पड़ रहा है. लोग धड़ल्ले से खरीदारी कर रहे हैं. धनतेरस को धनत्रयोदशी या धन्वंतरि के नाम से भी जाना जाता है.

इस दिन नये बर्तन, सोने, चांदी के आभूषण, सोने या चांदी के सिक्के खरीदना शुभ माना जाता है. मान्यता है कि धनतेरस के दिन शुभकाल में पूजा करके ये दस कार्य करने से धन की देवी लक्ष्मी सदा प्रसन्न होती हैं, और यमराज की विशेष कृपा होती है.

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ज्योतिषियों के अनुसार इस वर्ष धनतेरस पूजा तीन शुभ कालों में किया जा सकता है.

1- प्रातः 05.59 बजे से दिन 10.06 बजे तक

2- सुबहः 11.08 बजे से दोपहर 12.51 बजे तक

3- दोपहरः 03.38 बजे से शाम 05.00 बजे तक

* इस दिन चांदी खरीदना शुभ माना जाता है क्योंकि वास्तु में चांदी चंद्रमा का प्रतीक माना जाता है और चन्द्रमा शीतलता का मानक होता है. इसलिए चांदी खरीदने से मन में संतोष का वास होता है.

* धनतेरस के दिन धन्वंतरि की विशेष पूजा की जाती है. 'धनवंतरि' चिकित्सा के देवता हैं. उनसे अच्छी सेहत की कामना करते हैं. पुराणों के मुताबिक जब सुर और असुरों के बीच समुद्र-मंथन हुआ, तब समुद्र से चौदह रत्न निकले थे, जिसमें से एक रत्न अमृत था. श्रीहरि के आदेश पर यह अमृत कलश धन्वंतरि लेकर निकले थे, ताकि देवताओं को पिलाकर उन्हें अमर कर दें.

* धनतेरस के दिन लक्ष्मी पूजन सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल में ही करनी चाहिए.

* इस दिन लोग सूर्यास्त के बाद अपने घरों के बाहर यम दीपम प्रज्जवलित करते हैं. घर से दूर तिराहे पर यमराज का दीपक जलाकर रखते हैं.

* पौराणिक कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन के समय कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी के दिन भगवान कुबेर देवी लक्ष्मी का उद्भव हुआ था.

* हिंदू धर्म के अनुसार धनतेरस के दिन शुभ मुहूर्त पर सोना, चांदी, पीतल के बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक सामान एवं वाहन इत्यादि खरीदने का प्रचलन है.

* धनतेरस को धनत्रयोदशी या धनवंतरी त्रयोदशी या धनवंत्री जयंती के रूप में भी मनाते हैं. इन्हें आयुर्वेद का देवता भी कहा जाता है.

* धनतेरस पूजा के दौरान शाम को लोग देवी लक्ष्मी के देवता या फोटो के सामने सात दाने रखकर उनका आशीर्वाद मांगते हैं. लोगों में आस्था होती है कि घर के सामने जल रहे दीये बुरी शक्तियों को घर से दूर रखते हैं.

* धनतेरस के दिन कुछ लोग पूरे दिन का उपवास रखते हैं और दूध, दही, शहद, घी एवं शक्कर से पंचामृत तैयार करते हैं. मान्यता है कि इस पंचामृत से भगवान को भोग लगाने के बाद इसी से व्रत का पारण करते हैं. इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.

* धनतेरस के दिन कुबेर के साथ-साथ यमराज की भी पूजा करके उनके नाम का दीपक घर के बाहर रखते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से घर में किसी की असमय मृत्यु नहीं होती.