Devnarayan Jayanti 2024 Wishes: देवनारायण जयंती की इन हिंदी WhatsApp Stickers, GIF Greetings, HD Images, Wallpapers के जरिए दें शुभकामनाएं
देवनारायण जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

Devnarayan Jayanti 2024 Wishes in Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गुर्जर समाज के लोग श्री देवनारायण जयंती (Devnarayan Jayanti) के पर्व को धूमधाम से मनाते हैं. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, आज (16 फरवरी 2024) श्री देवनारायण जयंती मनाई जा रही है. इस दिन हरियाणा (Haryana), राजस्थान (Rajasthan) और उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पश्चिमी भागों में झांकियां, शोभायात्रा, पूजा और भंडारे का व्यापक तौर पर आयोजन किया जाता है. गुर्जर समाज के लोग श्री देवनारायण को भगवान विष्णु का अवतार मानते हैं. कहा जाता है कि देवनारायण का जन्म एक गुर्जर शासक परिवार में हुआ था, जिन्होंने भीलवाड़ा (मेवाड़) में मंडल झील की स्थापना की थी. अपने जीवनकाल में उन्होंने कई अत्याचारी शासकों के खिलाफ युद्ध किए और उसमें विजय भी प्राप्त की.

श्री देवनारायण जी एक कुशल शासक होने के साथ ही एक आध्यात्मिक पुरुष भी थे. आध्यात्मिक रुझान होने के कारण उन्होंने लंबी साधना की और कई सिद्धियां प्राप्त की थी. उन्होंने अपनी दिव्य शक्तियों से लोक कल्याण के लिए कई चमत्कारिक कार्य भी किए. श्री देवनारायण जयंती के इस खास अवसर पर आप इन हिंदी विशेज, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, एचडी इमेजेस, वॉलपेपर्स के जरिए शुभकामनाएं दे सकते हैं.

1- देवनारायण जयंती की शुभकामनाएं

देवनारायण जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

2- देवनारायण जयंती की शुभकामनाएं

देवनारायण जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

3- देवनारायण जयंती की शुभकामनाएं

देवनारायण जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

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4- देवनारायण जयंती की शुभकामनाएं

देवनारायण जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

5- देवनारायण जयंती की शुभकामनाएं

देवनारायण जयंती 2024 (Photo Credits: File Image)

गुर्जर समाज के लोग उन्हें भगवान विष्णु का स्वरूप मानकर उनकी पूजा करते हैं. उनकी जयंती पर लोग स्नान-ध्यान कर पूरे दिन उपवास करते हैं, प्रभात फेरियां निकाली जाती हैं, जिसमें सामूहिक भजन-कीर्तन और देवनारायण के उपदेशों का प्रसारण किया जाता है. इस दिन सार्वजनिक जुलूस में भारी तादात में लोग शामिल होते हैं. बताया जाता है कि भाद्रपद शुक्ल सप्तमी को ब्यावर के समीप मसूदा में 31 वर्ष की अल्पायु में उन्होंने अपना देह त्याग दिया था.