Devnarayan Jayanti 2024: कौन हैं देवनारायण जिन्हें गुर्जर समाज विष्णु-अवतार मानता है. जानें इनकी जयंती पर कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां?
Devnarayan Jayanti 2024

माघ शुक्ल पक्ष सप्तमी के दिन गुर्जर समाज द्वारा श्री देवनारायण की जयंती बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है. गुर्जर समाज श्री देवनारायण को भगवान विष्णु का अवतार मानता है. इस दिन हरियाणा, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भागों में जगह-जगह राष्ट्रीय स्तर पर झांकियां, शोभायात्रा, पूजा एवं भंडारे जैसे धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन किये जाते हैं, जहां देश के कोने-कोने से भारी तादाद में लोग इकट्ठे होते हैं. इस वर्ष 16 फरवरी 2024 को श्री देवनारायण जयंती मनाई जाएगी. श्री देवनारायण की जयंती के अवसर पर आइये जानते हैं कौन हैं श्री देवनारायण और गुर्जर समाज के लोग इस दिन को किस तरह से सेलिब्रेट करते हैं...

कौन हैं देवनारायण

देवनारायण का जन्म एक गुर्जर शासक परिवार में हुआ था, जिन्होंने भीलवाड़ा (मेवाड़) में मंडल झील की स्थापना की थी. उन्होंने अपने पराक्रम से अत्याचारी शासकों के खिलाफ कई युद्ध किये, और विजय प्राप्त की. वह एक कुशल शासक के साथ-साथ आध्यात्मिक रुझान होने के कारण लंबी साधना की और कई सिद्धियां हासिल की. अपनी दिव्य शक्तियों के सहारे उन्होंने लोक कल्याण के लिए कई चमत्कारिक कार्य भी किये. इस तरह वे देव स्वरूप में बनते गये और गुर्जर समाज में भगवान विष्णु के अवतार स्वरूप पूजे जाने लगे. भाद्रपद शुक्ल सप्तमी को ब्यावर के समीप मसूदा में 31 वर्ष की अल्पायु में उन्होंने अपना देह त्याग दिया था. यह भी पढ़ें : Narmada Jayanti 2024: कब और कैसे मनाते हैं नर्मदा जयंती? जानें इसका महत्व, शुभ मुहूर्त एवं पूजा-विधि!

कैसे करते हैं गुर्जर समाज देवनारायण जयंती सेलिब्रेशन?

सूर्य सप्तमी (माघ शुक्लपक्ष सप्तमी) के दिन गुर्जर समाज स्नान-ध्यान कर पूरे दिन का उपवास रखते हैं. प्रभात फेरियां निकाली जाती है, जिसमें सामूहिक भजन-कीर्तन एवं देवनारायण के उपदेशों का प्रसारण किया जाता है. इसके बाद सार्वजनिक पार्क एवं घरों में पूजा-अर्चना की जाती है. देवनारायण की प्रतिमा स्थापित कर उनके समक्ष धूप दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण करते हैं. भोग में चूरमा चढ़ाया जाता है. महाआरती के पश्चात प्रसाद वितरण किया जाता है, इसके बाद लंगर प्रारंभ होता है. इस सार्वजनिक जुलूस में एवं पूजा-अनुष्ठान में भारी तादाद में गुर्जर समाज उपस्थित होता है.

देवनारायण के लोकहित में चमत्कारिक कार्य

देवनारायण को गुर्जर समाज में भगवान विष्णु के रूप में मान्यता प्राप्त है. स्थानीयों के अनुसार देवनारायण ने भगवान विष्णु की कठिन तप-साधना से दिव्य ज्ञान हासिल की, जिसका उपयोग उन्होंने लोक कल्याण के लिए किया. कहा जाता है कि एक बार जब धार के राजा जयसिंह की पुत्री पीपलदे बहुत बीमार हुईं तब देवनारायण ने अपनी सिद्धियों से उन्हें स्वस्थ करा दिया. इस तरह एक बार उन्होंने अपनी दिव्य शक्ति से सूखी नदी को पानी से भर दिया. सारंग सेठ नामक व्यवसायी को नया जीवन देने और मृतप्राय हो चुके छोछू भाट को जीवित करने जैसे कई चमत्कारिक कार्य किये. अपार दिव्य शक्तियां प्राप्त होने के बावजूद उन्होंने उसका कभी भी दुरुपयोग नहीं किया.