Chhatrapati Sambhaji Maharaj Rajyabhishek Din 2024 Marathi Wishes: महाराष्ट्र के महान मराठा शासक और वीर योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) के पुत्र संभाजी महाराज (Sambhaji Maharaj) का जीवन भी देश और हिंदुत्व को समर्पित था. अपने पिता की तरह संभाजी महाराज भी शौर्य और बहादुरी के प्रतीक थे, अपने पिता के साथ रहकर बचपन से ही वे युद्ध कौशल और कूटनीति में दक्ष हो गए थे, इसलिए उन्होंने मुगल बादशाह औरंगजेब से करीब 120 युद्ध किए और हर युद्ध में औरंगजेब को हार का सामना करना पड़ा. छत्रपति शिवाजी महाराज के निधन के बाद संभाजी महाराज का 16 जनवरी 1681 को महाराष्ट्र के रायगढ़ किले में भव्य राज्याभिषेक हुआ था, इसलिए महाराष्ट्र में हर साल 16 जनवरी को छत्रपति संभाजी महाराज राज्याभिषेक दिन (Chhatrapati Sambhaji Maharaj Rajyabhishek Din) मनाया जाता है. राज्याभिषेक के बाद संभाजी महाराज ने रायगढ़ पर हमला करने वाले औरंगजेब को कई बार करारी शिकस्त दी.
छत्रपति संभाजी राजे का जन्म 14 मई 1657 में पुरंदर दुर्ग में शिवाजी महाराज की दूसरी पत्नी सई बाई के गर्भ से हुआ था, लेकिन जब वे दो साल के हुए तब उनकी मां का निधन हो गया. ऐसे में उनकी दादी जीजाबाई ने ही उनकी परवरिश की और उनमें बहादुरी व शौर्यता के बीज बोए. आप छत्रपति संभाजी महाराज राज्याभिषेक दिन की इन मराठी विशेज, वॉट्सऐप मैसेजेस, कोट्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स के जरिए शुभकामनाएं दे सकते हैं.
हिमालयाएवढे शौर्य असलेले
महापराक्रमी,
छत्रपती संभाजी महाराज
यांना राज्याभिषेक दिनानिमित्त मानाचा मुजरा!
मराठा साम्राज्याचे दुसरे छत्रपती
श्रीशंभुराजे यांना राज्याभिषेक
दिनानिमित्त मानाचा मुजरा!
छत्रपती संभाजी राजे यांना
राज्याभिषेक दिनानिमित्त त्रिवार वंदन!
कोंढाण्यासाठी तानाजी गेला
घोडखिंडीसाठी समोर बाजी आला...
महाराष्ट्र धर्म वाढवण्यासाठी
स्वराज्य रक्षक संभाजी झाला...
राज्याभिषेक दिनानिमित्त
श्रीशंभुराजेंना त्रिवार अभिवादन!
स्वराज्याच्या मातीसाठी अमर झालेले
छत्रपती संभाजी राजे यांना
राज्याभिषेक दिनानिमित्त कोटी कोटी प्रणाम!
बताया जाता है कि मुगल बादशाह औरंगजेब ने संभाजी महाराज के पास उन्हें मुस्लिम धर्म अपनाने का संदेश भिजवाया था, लेकिन संभाजी महाराज ने उसके प्रस्ताव को ठुकरा दिया. इससे बौखलाए औरंगजेब ने 11 मार्च 1689 के दिन हिंदू नववर्ष के दिन संभाजी महाराज की हत्या करवा दी, लेकिन हत्या से पहले औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी महाराज से कहा था कि मेरे चार पुत्रों में से एक भी अगर तुम्हारे जैसे होता है तो सारा हिंदुस्तान कब का हमारा सल्तनत बन गया होता. कहा जाता है कि जब संभाजी महाराज के शरीर के क्षत-विक्षत टुकड़े तुलापुर के नदी में फेंक दिए गए, तब नदी किनारे रहने वाले लोगों ने शव के टुकड़ों को इकट्ठा कर उसे सिला और फिर विधि-विधान से उनका अंतिम संस्कार किया.