Chandra Grahan/Lunar Eclipse November 2020: साल 2020 का चौथा और आखिरी चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan) 30 नवंबर को लगने जा रहा है. कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के दिन लगने वाला साल का यह आखिरी चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा. चंद्र ग्रहण को वैज्ञानिक नजरिए से एक खगोलीय घटना के तौर पर देखा जाता है, लेकिन धार्मिक और ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार ग्रहण को अशुभ माना जाता है. इसका व्यक्ति के जीवन पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह का प्रभाव पड़ता है. ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि उपच्छाया चंद्र ग्रहण में न तो कोई सूतक (Sutak) लगेगा और न ही किसी प्रकार के शुद्धिकरण की जरूरत होगी. ज्ञात हो कि इससे पहले 10 जनवरी, 5 जून और 5 जुलाई को चंद्र ग्रहण लग चुके हैं. साल के आखिरी चंद्र ग्रहण के बाद अब साल का आखिरी सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) 14 दिसंबर को लगेगा. चलिए जानते हैं चंद्र ग्रहण का समय, सूतक काल से लेकर इससे जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी.
चंद्र ग्रहण नवंबर 2020
चंद्र ग्रहण तिथि- 30 नवंबर 2020 (सोमवार)
ग्रहण प्रारंभ- 30 नवंबर 2020 को दोपहर 1:04 बजे
ग्रहण मध्यकाल- 30 नवंबर 2020 को दोपहर 3:13 बजे
ग्रहण समाप्त- 30 नवंबर 2020 शाम 5:22 बजे.
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ- 29 नवंबर दोपहर 12:47 बजे से,
पूर्णिमा तिथि समाप्त- 30 नवंबर को दोपहर 2:59 तक यह भी पढ़ें: Solar/Lunar Eclipse in Year 2020: साल 2020 में लगेंगे कुल 6 ग्रहण, जानें चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण की तिथियां
सूतक काल
ज्योतिष के जानकारों के अनुसार साल का आखिरी चंद्र ग्रहण उपच्छाया है, इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. सामान्य तौर पर चंद्र ग्रहण में सूतक ग्रहण से 9 घंटे पहले लग जाता है और ग्रहण समाप्ति के साथ ही सूतक भी खत्म हो जाता है. दरअसल, सूतक काल में किसी भी तरह का शुभ कार्य करना वर्जित होता है.
कहां दिखेगा चंद्र ग्रहण?
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण अमेरिका, प्रशांत महासागर, एशिया और ऑस्ट्रेलिया.के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा.
किस राशि में लगेगा ग्रहण?
ज्योतिष गणना के अनुसार, साल का आखिरी चंद्र ग्रहण वृषभ राशि और रोहिणी नक्षत्र में लगेगा, इसलिए इसका सबसे अधिक प्रभाव वृषभ राशि पर देखने को मिलेगा.
क्या होता है उपच्छाया चंद्र ग्रहण?
जब चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया न पड़कर केवल उसकी उपच्छाया पड़ती है तो इस स्थिति को उपच्छाया चंद्र ग्रहण कहा जाता है. इसमें चंद्रमा पर एक धुंधली छाया नजर आती है और पृथ्वी की उपच्छाया में प्रवेश करने पर चंद्रमा की छवि धुंधली दिखाई देने लगती है. यह भी पढ़ें: Chandra Grahan July 2020: साल का तीसरा चंद्र ग्रहण आज, जानें किन राशियों पर पड़ेगा कैसा प्रभाव?
कैसे लगता है चंद्रमा को ग्रहण?
चंद्र ग्रहण तीन प्रकार का होता है- पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण, दूसरा आंशिक चंद्र ग्रहण और तीसरा उपच्छाया चंद्र ग्रहण. कहा जाता है कि जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीधी रेखा में आ जाते हैं तो पृथ्वी की स्थिति के आधार पर हम सूर्य या चंद्र ग्रहण देखते हैं. जब आसमान में चंद्रमा पूरी तरह से उदित हुआ हो और उसी दौरान पृथ्वी, सूर्य व चंद्रमा के बीच आ जाती है तो ऐसी स्थिति में सूर्य की किरणे चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती हैं, इस स्थिति को चंद्र ग्रहण कहते हैं.