Buddha Purnima 2022 Quotes in Hindi: आज यानी 16 मई 2022 को भारत के अलावा कई देशों में बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima) का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस उत्सव को भारत के अलावा श्रीलंका, इंडोनेशिया और मलेशिया में बौद्ध धर्म के अनुयायियों और हिंदुओं द्वारा मनाया जाता है. प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि को गौतम बुद्ध जन्म हुआ था, इसलिए इस तिथि पर भगवान गौतम बुद्ध (Lord Gautam Buddha) का जन्मोत्सव मनाया जाता है. उनका जन्म राजकुमार सिद्धार्थ गौतम (Siddharth Gautam) के रूप में लुंबिनी (आधुनिक नेपाल) के एक क्षेत्र में हुआ था. भारत में जहां इस पर्व को बुद्ध पूर्णिमा के तौर पर मनाया जाता है तो वहीं श्रीलंका, म्यांमार, कंबोडिया, जावा, इंडोनेशिया, तिब्बत और मंगोलिया जैसे देशों में बुद्ध जयंती को वेसाक के रूप में मनाया जाता है. उन्होंने दुनिया को पंचशील उपदेश दिए थे, जिसमें हिंसा न करना, चोरी न करना, व्यभिचार न करना, झूठ न बोलना और नशा न करना इत्यादि शामिल है.
गौतम बुद्ध ने ही बौद्ध धर्म की स्थापना की थी और पूरी दुनिया को सत्य, शांति व मानवता का संदेश दिया था, इसलिए बौद्ध धर्म के अनुयायी इस पर्व को बहुत धूमधाम से मनाते हैं. उनके द्वारा दिए गए उपदेशों का बौद्ध धर्म के अनुयायियों के साथ-साथ अन्य धर्मों के लोग भी पालन करते हैं. बुद्ध पूर्णिमा के इस खास अवसर पर आप भी भगवान गौतम बुद्ध के इन 10 महान उपदेशों को अपने दोस्तों-रिश्तेदारों के साथ शेयर करके यह पर्व मना सकते हैं.
1- जो व्यक्ति सच्चाई की तलाश नहीं करते, वे जीवन जीने के असली उद्देश्य से भटक गए हैं.
2- मन सभी मानसिक अवस्थाओं से ऊपर होता है.
3- एक पल एक दिन को बदल सकता है, एक दिन एक जीवन को बदल सकता है, और एक जीवन इस दुनिया को बदल सकता है.
4- क्रोध को प्यार से, बुराई को अच्छाई से, स्वार्थी को उदारता से और झूठे व्यक्ति को सच्चाई से जीता जा सकता है.
5- अज्ञानी आदमी एक बैल के समान है. वह ज्ञान में नहीं, आकार में बढ़ता है.
6- क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेंकने की नीयत से पकड़े रहने के सामान है, इसमें आप ही जलते हैं.
7- निश्चित रूप से जो नाराजगी युक्त विचारों से मुक्त रहते हैं, वही जीवन में शांति पाते हैं.
8- बुराई अवश्य रहना चाहिए, तभी तो अच्छाई इसके ऊपर अपनी पवित्रता साबित कर सकती है.
9- झरना बहुत शोर मचाता है, लेकिन सागर गहरा और शांत होता है.
10- हमेशा याद रखें कि बुरा कार्य अपने मन में बोझ रखने के समान है.
बुद्ध पूर्णिमा का पर्व बौद्ध धर्म के साथ-साथ हिंदू धर्म के लिए भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु ने गौतम बुद्ध के रूप में नौवां अवतार लिया था, इसलिए बुद्ध पूर्णिमा पर श्रीहरि की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. गौतम बुद्ध को एक असाधारण दार्शनिक, आध्यात्मिक मार्गदर्शक और ध्यानी माना जाता है. उन्होंने कठिन तप करके बोधगया में एक बरगद के वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त किया था. ज्ञान प्राप्ति के बाद उन्होंने दुनिया को अहिंसा, शांति, दया, धर्म और निर्वाण के अंतिम मार्ग का उपदेश दिया.