Bal Gangadhar Tilak 2022 Quotes: बाल गंगाधर तिलक की पुण्यतिथि पर उनके ये अनमोल विचार शेयर कर करें उन्हें याद
Bal Gangadhar Tilak 2022 Quotes (Photo: File Image)

Bal Gangadhar Tilak 2022 Quotes: बाल गंगाधर तिलक की आज पुण्यतिथि (Bal Gangadhar Tilak's Death Anniversary) है, वे एक समाज सुधारक, भारतीय राष्ट्रवादी और स्वतंत्रता सेनानी थे. वह स्वराज के अनुयायी थे और 1 अगस्त 1920 को उनकी मृत्यु हो गई. मराठी और हिंदी में उनके भाषण लोकप्रिय थे. उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ भारत की स्वतंत्रता की नींव रखने में मदद की और इसे एक राष्ट्रीय आंदोलन में बदल दिया. उन्हें भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के पहले नेता के रूप में श्रेय दिया जाता है. उन्हें प्यार से 'लोकमान्य' कहा जाता था. जिसका अर्थ है 'लोगों द्वारा स्वीकृत'. बाल गंगाधर तिलक भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे अग्रणी और सबसे सक्रिय नेता थे और महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल जैसे नेताओं के लिए मार्ग प्रशस्त करने के लिए जाने जाते हैं.

बाल गंगाधर तिलक,एक स्वतंत्रता सेनानी के अलावा एक शिक्षक भी थे, जिनका जन्म 23 जुलाई, 1856 को हुआ था. उनके मुखर राष्ट्रवादी व्यवहार ने स्वदेशी आंदोलन की वकालत की. उन्हें महात्मा गांधी द्वारा 'आधुनिक भारत के निर्माता' के रूप में नामित किया गया था. 20वीं सदी की शुरुआत में, लाल-पाल-बाल के नाम से प्रसिद्ध तिकड़ी पंजाब के स्वतंत्रता सेनानियों लाला लाजपत राय, महाराष्ट्र के बाल गंगाधर तिलक और बंगाल के बिपिन चंद्र पाल को समर्पित थी. लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जितने महान क्रांतिकारी थे, उनके विचार भी उतने ही महान थे. उनकी पुण्यतिथि पर ये प्रेरणादायी और आत्मविश्वास जगाने वाले विचारों को अपनों के साथ शेयर कर उन्हें याद कर सकते हैं.

1- स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा.

2- एक अच्छे अखबार के शब्द अपने आप बोल देते हैं.

3- अगर भगवान छुआछूत को मानते हैं तो मैं उन्हें भगवान नहीं कहूंगा.

4- स्वाभिमानी और पवित्र हृदय का व्यक्ति निर्धन होने पर भी श्रेष्ट गिना जाता है.

5- बड़ी उपलब्धियां कभी आसानी से नहीं मिलती और आसानी से मिलने वाली उपलब्धियां महान नहीं होतीं.

6- किसी जादू से नहीं पूरा होगा, बल्कि आपको ही अपना लक्ष्य प्राप्त करना पड़ेगा.

7- मुश्किल समय में खतरों और असफलताओं के डर से बचने की कोशिश मत कीजिए, ये तो निश्चित रूप से आपके रास्ते में आएंगे ही.

8- आपके विचार सही, लक्ष्य ईमानदार और प्रयास संवैधानिक हों तो मुझे पूर्ण विश्वास है कि आपकी सफलता निश्चित है.

9- आलसी व्यक्तियों के लिए भगवान अवतार नहीं लेते, मेहनती व्यक्तियों के लिए ही वे अवतरित होते हैं, इसलिए कार्य करना शुरू करें.

10- प्रातः काल में उदय होने के लिए ही, सूरज संध्या काल के अंधकार में डूब जाता है और अंधकार में जाए बिना प्रकाश प्राप्त नहीं हो सकता.

बाल गंगाधर तिलक का जन्म रत्नागिरी जिले के मुख्यालय रत्नागिरी में एक मध्यमवर्गीय मराठी हिंदू चितपावन ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उन्होंने 1884 में डेक्कन एजुकेशन सोसाइटी की स्थापना की. इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को अंग्रेजी भाषा में शिक्षित करना था, क्योंकि वे भाषा को उदार और लोकतांत्रिक आदर्शों के लिए एक शक्तिशाली फ़ोर्स मानते थे.