Baisakhi 2024 Wishes in Hindi: बैसाखी (Baisakhi) किसानों का एक ऐसा पर्व है जिसे पंजाब (Punjab) और हरियाणा (Haryana) समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में धूमधाम से मनाया जाता है. खुशहाली और समृद्धि के इस पर्व को नए साल (New Year) के तौर पर भारत में पंजाबियों, सिखों और कई धर्मों के लोगों द्वारा मनाया जाता है. आमतौर पर बैसाखी के पर्व को सौर नव वर्ष की शुरुआत के तौर पर हर साल 13 या 14 अप्रैल को मनाया जाता है, जबकि इस साल 13 अप्रैल 2024 को बैसाखी मनाई जा रही है. आपको बता दें कि बैसाखी के दिन सूर्य देव मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करते हैं. इसलिए इस दिन मेष संक्रांति भी मनाई जाती है. बैसाखी के दिन लोग अनाज की पूजा करते हैं. इसके साथ ही फसल कटकर घर आने की खुशी में ईश्वर और प्रकृति को भी धन्यवाद करते हैं.
बैसाखी के दिन देशभर के गुरुद्वारों में विशेष प्रार्थनाओं का आयोजन किया जाता है. लोग नए कपड़े पहनकर इस दिन गुरुद्वारे में मत्था टेकते हैं और अपने प्रियजनों को इस पर्व की बधाई भी देते हैं. ऐसे में इस बेहद खास अवसर पर आप भी इन शानदार हिंदी विशेज, कोट्स, वॉट्सऐप मैसेजेस, फेसबुक ग्रीटिंग्स को भेजकर अपनों को बैसाखी की प्यार भरी शुभकामनाएं दे सकते हैं.
1- नच ले, गा ले हमारे साथ,
आई है बैसाखी खुशियों के साथ,
मस्ती में झूम और खीर पूरी खा,
और न कर तू दुनिया की परवाह.
बैसाखी की शुभकामनाएं
2- तुस्सी हसदे हो सानू हसान वास्ते,
तुस्सी रोने ओ सानू रुआन वास्ते,
इक वारी रुस के ता वेखो सोनेओ,
मर जावांगे तुआनू मनान वास्ते,
बैसाखी दा दिन है खुशियां मनान वास्ते.
बैसाखी की शुभकामनाएं
3- खुशियां हो ओवर फ्लो,
मस्ती कभी न हो लो,
अपना सुरूर छाया रहे,
दिल में भरा प्यार रहे,
शोहरत की हो बौछार,
ऐसा हो बैसाखी का त्योहार.
बैसाखी की शुभकामनाएं
4- बैसाखी का खुशहाल मौका है,
ठंडी हवा का झोंका है,
पर आपके बिना अधूरा है सब,
लौट आओ हमने खुशियों को रोका है.
बैसाखी की शुभकामनाएं
5- खालसा मेरो रूप है खास,
खालसे में करूं निवास,
खालसा मेरा मुख हैं अंगा,
खालसे 3के साजना दिवस की,
आप सब को बधाई...
बैसाखी की शुभकामनाएं
गौरतलब है कि अप्रैल महीने में रबी यानी गेहूं की फसल कटती है, इसलिए पंजाब और हरियाणा में किसानों के पर्व बैसाखी को धूमधाम से मनाया जाता है. पंजाबी और सिख नव वर्ष के खास मौके पर पंजाब में मेले आयोजित किए जाते हैं. इस दिन गुरुद्वारों को सजाया जाता है, जहां लोग मत्था टेकने के लिए पहुंचते हैं. इसके साथ ही नगर कीर्तन का आयोजन किया जाता है. कहा जाता है कि बैसाखी के दिन ही यानी 13 अप्रैल 1699 को सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी, इसलिए सिख समुदाय के लोग इसे सिख नव वर्ष और खालसा दिवस के रूप में मनाते हैं.