Ashura 2023 Messages: आशूरा पर इमाम हुसैन की शहादत को करें याद, शेयर करें ये WhatsApp Stickers, Quotes, GIF Images और SMS
आशूरा 2023 (Photo Credits: File Image)

Ashura 2023 Messages in Hindi: मोहर्रम (Muharram) का महीना इस्लामकि कैलेंडर का पहला महीना होता है, जिसे इस्लाम धर्म में रमजान (Ramadan) के बाद दूसरा सबसे पवित्र महीना माना जाता है. इस महीने को शिया और सुन्नी समुदाय के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस महीने के 10वें दिन आशूरा (Ashura) होता है, जिसका इस्लाम धर्म में विशेष महत्व बताया जाता है. इस साल मुहर्रम महीने की शुरुआत 20 जुलाई 2023 से हुई है और इस महीने की 10वीं तारीख को यौम-ए-आशूरा (Youm-e-Ashura) के नाम से जाना जाता है. आज यानी 29 जुलाई 2023 को आशूरा मनाया जा रहा है. हजरत इमाम हुसैन (Imam Hussain) की शहादत की याद में मोहर्रम के 10वें दिन को लोग मातम के रूप में मनाते हैं, जिसे आशूरा कहा जाता है. आशूरा मातम का दिन होता है, इसलिए इस दिन मुस्लिम समुदाय मातम मनाता है.

इस्लामिक मान्यताओं, मोहर्रम के महीने में हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई थी. हजरत इमाम हुसैन इस्लाम धर्म के संस्थापक हजरत मुहम्मद साहब के छोटे नवासे थे और आशूरा के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग मातम मनाते हैं. आशूरा के इस मौके पर आप इन मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, कोट्स, जीआईएफ इमेजेस और एसएमएस के जरिए इमाम हुसैन की शहादत को याद कर सकते हैं.

1- पानी का तलब हो तो एक काम किया कर,

कर्बला के नाम पर एक जाम पिया कर,

दी मुझको हुसैन इब्न अली ने ये नसीहत,

जालिम हो मुकाबिल तो मेरा नाम लिया कर.

आशूरा 2023 (Photo Credits: File Image)

2- फिर आज हक़ के लिए जान फिदा करे कोई,

वफ़ा भी झूम उठे यूँ वफ़ा करे कोई,

नमाज़ 1400 सालों से इंतजार में है,

हुसैन की तरह मुझे अदा करे कोई.

आशूरा 2023 (Photo Credits: File Image)

3- मुहर्रम पर याद करो वो कुर्बानी

जो सिखा गया सही अर्थ इस्लामी

ना डिगा वो हौसलों से अपने

काटकर सर सिखाई असल जिंदगानी

आशूरा 2023 (Photo Credits: File Image)

4- सजदे में जा कर सिर कटाया

हुसैन ने नेजे पे सिर था

और ज़ुबान पे अय्यातें कुरान

इस तरह सुनाया हुसैन ने

आशूरा 2023 (Photo Credits: File Image)

5- कर्बला को कर्बला के शहंशाह पर नाज़ है

उस नवासे पर मुहम्मद को नाज़ है

यूं तो लाखों सिर झुके सज़दे में लेकिन

हुसैन ने वो सज़दा किया, जिस पर खुदा को नाज़ है

आशूरा 2023 (Photo Credits: File Image)

बताया जाता है कि करीब 1400 साल पहले इराक के कर्बला में पैगंबर मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन और यजीद की सेना के बीच खूनी जंग छिड़ गई थी. इस जंग में हजरत इमाम हुसैन इस्लाम की रक्षा के लिए लड़ रहे थे और इस्लाम की रक्षा के लिए इमाम हुसैन ने अपने परिवार और 72 साथियों के साथ शहादत दी थी. आशूरा के दिन मुस्लिम समुदाय की ओर से ताजिया के साथ मातमी जुलूस निकाला जाता है. ताजिया को कर्बला की लड़ाई में शहीद हुए लोगों का प्रतीक माना जाता है.