Ashadhi Ekadashi 2024: सीएम एकनाथ शिंदे ने आषाढ़ी एकादशी पर श्री विट्ठल रुक्मिणी मंदिर में की पूजा-अर्चना, पंढरपुर वारी यात्रा में हुए शामिल (Watch Videos)
सीएम एकनाथ शिंदे (Photo Credits: X)

Ashadhi Ekadashi 2024: आज (17 जुलाई 2024) देशभर में देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) यानी हरिशयनी एकादशी (Harishayani Ekadashi) मनाई जा रही है, जिसे महाराष्ट्र में आषाढ़ी एकादशी (Ashadhi Ekadashi) के तौर पर धूमधाम से मनाया जाता है. इस एकादशी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया जाता है, क्योंकि इस तिथि से जगत के पालनहार भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) 4 महीने की योगनिद्रा के लिए क्षीरसागर में चले जाते हैं और इसी के साथ चतुर्मास की शुरुआत हो जाती है, जिसके चलते देवउठनी एकादशी तक शादी-विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन जैसे सभी मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है. आषाढ़ी एकादशी के इस अवसर पर देशभर के तमाम विष्णु मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, जबकि महाराष्ट्र में आषाढ़ी एकादशी के अवसर पर विट्ठल-रुक्मिणी मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ता है.

इस अवसर पर महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) भी श्री विट्ठल रुक्मिणी मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना करते नजर आए. इसके साथ ही वो सोलापुर जिले में पंढरपुर वारी यात्रा में भी शामिल हुए. मंदिर में पूजा-अर्चना करते मुख्यमंत्री का वीडियो सामने आया है.

श्री विट्ठल रुक्मिणी मंदिर पूजा-अर्चना

इस अवसर पर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे सोलापुर जिले में पंढरपुर वारी यात्रा में भी शामिल हुए और उन्होंने कहा कि पंढरपुर यात्रा, आषाढ़ी यात्रा इस बार बड़े उत्साह के साथ आयोजित की जा रही है. हमारे भाई-बहन पिछले साल से ज्यादा यहां आए हैं. सरकार और जिला प्रशासन ने उनके लिए व्यवस्था की है. यह भी पढ़ें: Ashadhi Ekadashi 2024 HD Images: हैप्पी आषाढ़ी एकादशी! प्रियजनों संग शेयर करें ये शानदार WhatsApp Stickers, GIF Greetings और Wallpapers

पंढरपुर वारी यात्रा शामिल हुए मुख्यमंत्री

आपको बता दें कि हर साल मुख्य पंढरपुर यात्रा पुणे जिले के देहू में संत तुकाराम मंदिर से शुरु होती है और वारकरी यानी तीर्थयात्री तुकाराम महाराज पालखी जुलूस का अनुसरण करते हैं. इस पावन दिन भक्त संत ज्ञानेश्वर और तुकाराम के भजन सुनते हैं, साथ ही महाराष्ट्र में भगवान विट्ठल और रुक्मिणी की विधि-विधान से पूजा की जाती है. इस पर्व पर न सिर्फ विट्ठल-रुक्मिणी मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ता है, बल्कि पंढरपुर में भी आषाढ़ी एकादशी की अनूठी झलक देखने को मिलती है.