Alvida Jumma Mubarak 2024 Messages in Hindi: इस साल रमजान (Ramzan) का महीना 11 मार्च से शुरू हुआ था, 29वें रोजे के बाद अगर चांद नजर आता है तो 10 अप्रैल को ईद (Eid) मनाई जाएगी और अगर 30वें रोजे के बाद चांद का दीदार होता है तो ईद का त्योहार 11 अप्रैल को मनाया जाएगा. हालांकि ईद-उल-फितर (Eid-ul-Fitr) से पहले रमजान के आखिरी शुक्रवार यानी जुम्मे को इस्लाम धर्म में काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. रमजान के आखिरी शुक्रवार को जमात-उल-विदा (Jamat-ul-Vida) यानी अलविदा जुम्मा (Alvida Jumma) भी कहा जाता है, जो इस साल 5 अप्रैल 2024 को मनाया जा रहा है. जमात उल-विदा दो शब्दों से मिलकर बना है पहला ‘जमात’ और दूसरा ‘उल-विदा’. यहां जमात का अर्थ जुम्मा यानी शुक्रवार से है, जबकि उल-विदा का मतलब विदाई है. हदीस के अनुसार पैगंबर मोहम्मद साहब ने जुम्मे के दिन को हर मुसलमान के लिए ईद का दिन बताया है.
रमजान के आखिरी शुक्रवार यानी अलविदा जुम्मा के दिन भी सभी का रोजा होता है. इस दिन लोग अल्लाह की इबादत में नमाज अदा करते हैं. अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हुए गरीब व जरूरतमंदों के लिए दुआ मांगते हैं. कहा जाता है कि ऐसा करने से ज्यादा से ज्यादा सवाब मिलता है. इसके साथ ही इस दिन अलविदा जुम्मा कहकर एक-दूसरे को मुबारकबाद भी दी जाती है. ऐसे में आप भी प्रियजनों के साथ ये हिंदी मैसेजेस, शायरी, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉट्सऐप विशेज और एचडी इमेजेस को शेयर कर सकते हैं.
2- जिसने बना दिया हर घर को गुलिस्तान,
चला जाएगा वो मेहमान,
तोहफे में दे जा रहा है ईद सभी को,
अलविदा-अलविदा माहे रमजान.
अलविदा जुम्मा मुबारक
3- वाह रमजान तेरी रुक्सत को सलाम,
जाते-जाते आसमानों को भी रुला दिया.
अलविदा जुम्मा मुबारक
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4- तस्वीर-ए-कायनात का अक्स है अल्लाह,
दिल को जो जगा दे वो एहसास है अल्लाह,
ऐ बंदे-मोमिन तेरा दिल क्यों उदास है,
हर पल हर लम्हा तेरे पास है अल्लाह.
अलविदा जुम्मा मुबारक
5- हवा की खुशबू मुबारक,
फिजा को मौसम मुबारक,
दिलों को प्यार मुबारक,
आपको हमारी तरफ से,
अलविदा जुम्मा मुबारक
इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, जुम्मे की नमाज से पहले पैगंबर मोहम्मद साहब स्नान करके पाक यानी साफ-सुथरे कपड़े पहनते थे, इत्र लगाकर और आंखों में सुरमा लगाकर नमाज के लिए जाते थे, इसलिए हर मुसलमान जुम्मे की नमाज के लिए तैयारी करता है. इसके अलावा कहा जाता है कि अल्लाह ने आदम को जुम्मे के दिन ही बनाया था और इसी दिन आदम ने पहली बार जन्नत में भी कदम रखा था. इसके साथ ही यह भी कहा जाता है कि जुम्मे के दिन हर मस्जिद के दरवाजे पर अल्लाह के फरिश्ते खड़े होते हैं और जुम्मे की नमाज के लिए आने वाले हर शख्स का नाम लिखते हैं.